बिहार के एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव, जानिए आजादी के बाद किस-किस ने संभाला CM पद

4/13/2024 3:46:29 PM

पटना: बिहार के एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। आजादी के बाद बिहार में अबतक 23 मुख्यमंत्री बने। इनमें श्री कृष्ण सिंह, दीप नारायाण सिंह, बिनोदानंद झा, कृष्ण बल्लभ सहाय, महामाया प्रसाद सिन्हा, सतीश प्रसाद सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल, भोला पासवान शास्त्री, हरिहर सिंह, दारोगा प्रसाद राय, कर्पूरी ठाकुर, केदार पांडेय, अब्दुल गफूर, जगन्नाथ मिश्रा, रामसुंदर दास, चंद्रशेखर सिंह, बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद, सत्येन्द्र नारायण सिंह, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी शामिल हैं। 

लालू यादव और राबड़ी देवी नहीं लड़ रहे चुनाव 
इनमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी को छोड़कर सभी पूर्व मुख्यमंत्री का निधन हो गया है। नीतीश कुमार अभी मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं। जीतन राम मांझी एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जो इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी चुनाव नहीं लड़ रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सर्वप्रथम वर्ष 1977 में जनता पार्टी की लहर में छपरा लोकसभा सीट से भारतीय लोक दल (बीएलडी) के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद वर्ष 1989, 2004 में वह छपरा से चुनाव जीते। 2008 में परिसीमन के बाद छपरा सीट सारण बन गई। वर्ष 2009 के चुनाव में यादव ने सारण से जीत हासिल की। यादव ने मधेपुरा संसदीय सीट पर 1998 और वर्ष 2004 का लोकसभा का चुनाव भी जीता है। 

चारा घोटाले में सजा होने से छिन गई लालू की लोकसभा सदस्यता
चारा घोटाले में सजा होने से लालू यादव की लोकसभा की सदस्यता छिन गई और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राबड़ी देवी ने वर्ष 2014 में सारण संसदीय सीट से चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाई। इसके बाद राबड़ी देवी ने लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत नहीं आजमायी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के संस्थापक और इमामगंज (सु) के विधायक जीतन राम मांझी गया (सु) सीट से चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। जीतन राम मांझी ने वर्ष 1991, 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा है लेकिन उन्हें हर बार पराजय का सामना करना पड़ा।

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Ramanjot