झारखंड देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने हेतु सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा: CM हेमंत

5/27/2023 5:36:35 PM

रांची/नई दिल्ली: झारखंड में विगत 3 वर्षों में विकास की गति में काफी तेजी आई है। झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं हैं और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। माननीय प्रधानमंत्री से आग्रह है कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धान्तों को धरातल पर उतारते हुए झारखंड को उचित सहयोग प्रदान किया जाए, जिससे विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में झारखंड भी अपनी भागीदारी दर्ज करा सके। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। मैं इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि झारखंड देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने हेतु सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा।

विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु हो रहा प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने एवं झारखंड की मूलभूत संरचना को मजबूत बनाने हेतु सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार के प्रयासों से निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और निवेशक प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहित होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि MSME क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु पृथक् MSME निदेशालय की स्थापना एवं वर्त्तमान जिला उद्योग केन्द्रों को जिला MSME केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। राज्य एवं जिला में समन्वय स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीकृत MSME उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य में MSME प्रोत्साहन नीति 2023 और MSME विशेष रियायत अधिनियम 2023 का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। MSME सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूंजीगत सब्सिडी को 25 % से बढ़ाकर अधिकतम 40 % तक किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार MSME के RAMP कार्यक्रम के तहत स्ट्रैटेजिक निवेश योजना भी तैयार कर रही है। राज्य में वर्तमान लागू खरीद नीति को भी रिवाइज किया जा रहा है, ताकि स्थानीय MSME को और अधिक महत्व दिया जा सके। इसके लिए नई Public Procurement Policy का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इससे समाज के कमजोर वर्गों यथा महिलाएं, अनुसूचित जाति / जनजाति और दिव्यांग उद्यमियों के स्वामित्व वाले उद्योगों को अधिक लाभ मिल सकेगा।

इज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड उत्कृष्ट रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा व्यापार की सुगमता मामले में झारखंड का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है। व्यापार सुधार कार्य योजना के शुरुआती 5 संस्करणों में झारखंड हमेशा शीर्ष 10 राज्यों की सूची में रहा है। Reduction of compliance burden कार्यक्रम के अन्तर्गत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें विशेष प्रक्रियाओं को सरल एवं युक्तिसंगत बनाना है। विगत 2 वर्षों यथा 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ साथ नागरिक सेवाओं से संबंधित कुल 507 Compliance Burden को कम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा डिक्रिमिनलाइजेशन की दिशा में भी सरकार काम कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे उल्लंघनों पर सजा के स्थान पर वित्तीय दंड का प्रावधान करना है, ताकि व्यवसायियों और नागरिकों में भय का वातावरण समाप्त हो सके। इस क्रम में राज्य के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के द्वारा एक धारा को कम कर दिया है और 8 धाराओं को गैर-अपराधीकरण के लिए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

आवागमन के साधन विकसित करने का हो रहा कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ घनत्व को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए कुल 08 प्रमुख सड़क कॉरिडोर (1662.50 किमी) को भी चिन्हित किया है। इन राजकीय पथों को राष्ट्रीय उच्च पथों में विकसित किये जाने से राज्य अंतर्गत उत्तर से दक्षिण एवं पूरब से पश्चिम कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी। साहेबगंज एवं मनिहारी घाट (बिहार) के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय सेतु के तर्ज पर राजमहल एवं मानिकचक (पश्चिम बंगाल) के मध्य गंगा नदी पर उच्च स्तरीय सेतु निर्माण हेतु NHAI से अनुरोध किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए हमें केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है। मुख्यमंत्री ने कहा कॉरिडोर (ii) होली टूरिस्ट कॉरिडोर एवं (iii) सेंट्रल कॉरिडोर को चिन्हित कर DPR तैयार किया जा रहा है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है। झारखंड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है और इसी के अनुरूप नगरीय अवसंरचनाओं एवं नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे है। इसके तहत 10 शहरों का नगर विकास योजना एवं 06 शहरों का Comprehensive Mobility Plan तैयार कर लिया गया है। राज्य के कुल 43 शहरों का GIS Based Master Plan भी तैयार कर लिया गया है। Online Building Plan Approval Management System एवं Layout Plan Approval Management System वर्तमान में 45 निकायों, 2 विकास प्राधिकार एवं रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन में लागू है।

महिला सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। राज्य में SHG एवं ग्राम संगठनों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने में झारखंड हमेशा से अग्रणी रहा है। पंचायतों में भी महिलाओं की भागीदारी के मामले में झारखंड की गिनती अव्वल राज्यों में की जाती है। महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने हेतु सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है। सावित्रीबाई फुले योजनान्तर्गत बालिकाओं की शिक्षा, बाल विवाह की रोकथाम, विद्यालय परित्याग की प्रवृत्ति को कम करने आदि के उद्देश्य से 08 से 12 कक्षा वाले बालिकाओं को नगद आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। आजीविका मिशन के तहत लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योजना चलायी जा रही है। ग्राम स्तर पर सखी मंडल से जुड़ी सभी महिलाओं को हिंसा से मुक्ति दिलाने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए अब तक 4,368 ग्रामों में जेंडर फोरम (बदलाव मंच) की स्थापना की गई है। डायन प्रथा से मुक्ति पाने के लिए झारखंड के 7 जिलों के 25 प्रखंडों में "गरिमा परियोजना मिशन मोड में चलाई जा रही है। आजीविका मिशन के तहत ही "फूलो झानो आशीर्वाद योजना" के तहत लगभग 30,000 महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण देकर उन्हें सम्मानजनक व्यवसाय से जोड़ा गया है।


 

Content Editor

Khushi