Hasanpur Assembly Seat: हसनपुर विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

10/17/2020 12:52:35 PM

खगड़ियाः बिहार का हसनपुर विधानसभा सीट (Hasanpur assembly seat) खगड़िया लोकसभा के तहत आता है। 2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में हसनपुर की गिनती बिहार के सबसे हॉट सीट में हो रही है क्योंकि इस बार आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेजप्रताप यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

हसनपुर सीट पर हुए विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) के इतिहास पर अगर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि यहां 1967 में हुए पहले चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट गजेंद्र प्रसाद हिमांशु विजेता बनकर निकले थे। इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अलग अलग पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में जीत हासिल करते रहे। वहीं 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने जीत हासिल किया था। वहीं 1972 में भी गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने एसओपी (SOP) के कैंडिडेट के तौर पर एकबार फिर हसनपुर के जनता का भरोसा हासिल कर लिया था। 1977 और 1980 में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में जनता पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने लगातार जीत हासिल की थी।

हालांकि 1985 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में कांग्रेस (Congress) कैंडिडेट के तौर पर राजेंद्र प्रसाद यादव ने गजेंद्र प्रसाद हिमांशु की जीत का सिलसिला तोड़ दिया था। लेकिन 1990 के चुनाव में जनता दल (Janta Dal) के कैंडिडेट के तौर पर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने फिर से चुनाव में जनता का समर्थन हासिल कर लिया था। वहीं 1995 के चुनाव में जनता दल (Janta Dal) के कैंडिडेट के तौर पर सुनील कुमार पुष्पम ने हसनपुर में जीत का परचम लहराया था। 2000 के चुनाव में जेडीयू (JDU) के कैंडिडेट के तौर पर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने जनता का भरोसा हासिल किया था। 2005 में यहां से आरजेडी (RJD) की टिकट पर सुनील कुमार पुष्पम ने हसनपुर में विरोधिय़ों को शिकस्त दे दिया था। वहीं 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में जेडीयू (JDU) के कैंडिडेट राजकुमार राय ने हसनपुर में जीत हासिल किया था।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में हसनपुर सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर राजकुमार राय ने जीत हासिल की थी। राजकुमार राय ने चुनाव में 63 हजार 94 वोट हासिल किया था। वहीं बीएलसेपी कैंडिडेट विनोद चौधरी को 33 हजार 494 वोट ही मिल पाया था। इसतरह से राजकुमार राय ने विनोद चौधरी को 29 हजार 600 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं जाप कैंडिडेट सुनील कुमार पुष्पम, 19 हजार 756 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में हसनपुर सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर राजकुमार राय ने जीत हासिल की थी। राजकुमार राय ने चुनाव में 36 हजार 767 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट सुनील कुमार पुष्पम ने 33 हजार 476 वोट हासिल किया था। इस तरह से राजकुमार राय ने सुनील कुमार पुष्पम को 3 हजार 291 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट अर्जुन प्रसाद यादव, 11 हजार 479 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में हसनपुर सीट से आरजेडी (RJD) कैंडिडेट सुनील कुमार पुष्पम ने जीत हासिल की थी। सुनील कुमार पुष्पम ने चुनाव में 31 हजार 553 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट रामनारायण मंडल को 24 हजार 115 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सुनील कुमार पुष्पम ने रामनारायण मंडल को 7 हजार 438 वोट से हरा दिया था। वहीं जेडीयू (JDU) कैंडिडेट गजेंद्र प्रसाद हिमांशु, 17 हजार 211 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhansabha chunav) में यहां महागठबंधन और एनडीए (NDA) के बीच कड़ा मुकाबला होगा। वैसे भी तेजप्रताप यादव के चुनावी मैदान में उतरने के बाद बिहार के लोगों की नजर हसनपुर के नतीजों पर टिक गई है। अब 10 नवंबर को आने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि तेजप्रताप की नैया पार लग पाएगी या नहीं।

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