सिंहभूम लोकसभा सीट पर गीता कोड़ा की होगी अग्निपरीक्षा, क्या BJP कैंडिडेट के तौर पर हासिल कर पाएगी जीत

3/28/2024 10:41:47 AM

सिंहभूम: झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। सिंहभूम से गीता कोड़ा को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। गीता कोड़ा ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब देखना अहम होगा कि क्या गीता कोड़ा बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर 2024 में जीत हासिल कर पाएंगी। झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक सिंहभूम लोकसभा सीट है। साल 2000 तक सिंहभूम भी बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था। यह संसदीय क्षेत्र पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है। यह संसदीय क्षेत्र 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान अस्तित्व में आया और झारखंड पार्टी के टिकट पर शंभू चरण पहली बार सांसद चुने गए। 1962 में झारखंड पार्टी के टिकट पर ही हरि चरण सोय चुनाव जीते। 1967 में भी इस सीट पर झारखंड पार्टी का ही कब्जा रहा और कोलाई बिरुआ चुनाव जीते तो 1971 में झारखंड पार्टी के टिकट पर ही मोरन सिंह पूर्ति चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वहीं 1977 में भी यह सीट झारखंड पार्टी के पास ही रही और बागुन सुम्ब्रुई चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 

कहा जाए तो 1952 से 1977 तक इस सीट पर झारखंड पार्टी का दबदबा रहा। 1980 में बागुन सुंब्रुई ने कांग्रेस का हाथ थामा और चुनाव जीते। इसके बाद 1984 और 1989 में भी इस सीट पर बागुन सुम्ब्रुई कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव जीते। 1991 में पहली बार यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में गई और कृष्णा मरांडी सांसद बनी तो वहीं 1996 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला और चित्रसेन सिंकू चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1998 में कांग्रेस ने वापसी की और विजय सिंह शॉ चुनाव जीते। 1999 में बीजेपी के टिकट पर लक्ष्मण गिलुआ चुनाव जीतने में कामयाब हुए। 2004 में एक बार फिर इस सीट से बागुन सुम्ब्रुई सांसद बनने में कामयाब हुए। 2009 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मधु कोड़ा चुनाव जीते तो 2014 के चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ चुनाव जीते थे। 2019 में कांग्रेस कैंडिडेट गीता कोड़ा ने जीत हासिल की है, लेकिन इस बार चुनाव से पहले गीता कोड़ा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और बीजेपी ने सिंहभूम से गीता कोड़ा को उम्मीदवार बनाया है। सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पश्चिमी सिंहभूम जिले की चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर और जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र और सरायकेला-खरसावां जिले की सरायकेला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

2019 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम में कांग्रेस कैंडिडेट गीता कोड़ा को 4 लाख 31 हजार 815 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के लक्ष्मण गिलुवा को 3 लाख 59 हजार 660 वोट मिले थे। वहीं नोटा 24 हजार 270 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रही थी। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

अब एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुवा को 3 लाख 3 हजार 131 वोट मिले थे जबकि JBSP के गीता कोड़ा 2 लाख 15 हजार 607 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के चित्रसेन सिंकु 1 लाख 11 हजार 796 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो निर्दलीय मधु कोड़ा ने 2 लाख 56 हजार 827 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के बड़कुंवर गगरई 1 लाख 67 हजार 154 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के बागुन सुम्ब्रुई को 95 हजार 604 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के बागुन सुम्ब्रुई ने 2 लाख 21 हजार 343 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुआ 1 लाख 62 हजार 147 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि AJSU के सुखराम उरांव 72 हजार 623 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

 

2024 के लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा की अग्निपरीक्षा होगी क्योंकि उन्होंने 2019 में कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर जीत हासिल किया था, लेकिन क्या इस बार बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर गीता कोड़ा जीत हासिल कर पाएंगी। ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सिंहभूम के वोटर ही लोकसभा चुनाव में देंगे।

Content Editor

Khushi