West Bengal Election... बांकुड़ा जिले की 8 सीटों पर TMC और BJP में है सीधा मुकाबला

4/1/2021 11:23:00 AM

 

कोलकाता(विकास कुमार): पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल को कुल 30 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान जारी है। दूसरे चरण में बंगाल के चार जिलों की 30 विधानसभा सीट पर लोगों में मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। दूसरे चरण में बांकुड़ा जिले की 8 सीटों पर चुनाव हो रहा है। वहीं दक्षिण 24 परगना जिले की 4 सीट, पश्चिम मेदिनीपुर जिले की 9 सीट और पूर्व मेदिनीपुर जिले की 9 सीट पर भी चुनाव जारी है। नंदीग्राम में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी की टक्कर पर बंगाल सहित पूरे देश की नजर टिकी हुई है। दूसरे चरण में बांकुड़ा जिले की 8 सीटों पर मतदान चल रहा है।

गौरतलब है कि बांकुरा जिले की 4 सीटों पर पहले चरण में ही वोट डाले जा चुके हैं। बांकुरा जिले की इन 8 सीटों पर बीजेपी और टीएमसी में बेहद कड़ा मुकाबला चल रहा है। बांकुड़ा जिले की 12 सीटों में से 6 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 4 सीट अनुसूचित जाति के लिए तो 2 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 4 में से 3 सीटें पिछली बार तृणमूल कांग्रेस ने जीती थीं तो सीपीएम के खाते में अनुसूचित जाति की एक सीट आई थी। वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 2 सीटों पर तृणमूल के उम्मीदवार जीते थे। बांकुड़ा जिले में अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज की आबादी तकरीबन 8 फीसदी है। वहीं इस जिले की सभी सीटों पर जीत हार का फैसला अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटर ही करते हैं। बांकुड़ा जिले में अनुसूचित जाति की आबादी 32.2 फीसदी है तो अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.3 फीसदी है। यानी बांकुड़ा जिले में अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी 42.5 फीसदी है। साफ है कि किसी भी पार्टी के कैंडिडेट की जीत हार तय करने में उनकी सबसे अहम भूमिका है।

बांकुड़ा जिले की जिन 8 सीटों पर मतदान चल रहा है, उनमें से कोतुलपुर, इंदास और सोनामुखी सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। बांकुड़ा की 8 सीटों के समीकरण पर डालते हैं एक नजर....

बांकुड़ा की 8 में से 3 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। कोतुलपुर और इंदास सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। सोनामुखी विधानसभा सीट भी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। तालडंगरा और बांकुड़ा सीट पर टीएमसी-बीजेपी में सीधी लड़ाई है। बड़जोड़ा और ओंदा में बीजेपी की बढ़त को टीएमसी काटने में लगी है। बिष्णुपुर में भी बीजेपी की बढ़त को ममता दीदी काटने में लगी हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में बांकुड़ा जिले की ज्यादातर सीटों पर तृणमूल का वर्चस्व स्थापित हो गया था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में अचानक बांकुड़ा की जनता ने करवट बदल ली थी और इस जिले की सभी सीटों पर एक झटके में बीजेपी ने बढ़त बना ली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बांकुड़ा की 12 में से 12 विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बढ़त बनाते हुए तृणमूल कांग्रेस को बड़ी चोट पहुंचाई थी। 1 अप्रैल को जिन 8 सीटों पर मतदान जारी है। वहां भी 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया था। 2019 में तालडंगरा सीट पर बीजेपी ने टीएमसी से बढ़त बनाई थी। तालडंगरा में बीजेपी ने टीएमसी को 17 हजार 268 वोटों से पीछे छोड़ा था।

बांकुरा में बीजेपी ने टीएमसी से 46 हजार 776 वोटों की लीड बना ली थी। बड़जोड़ा में भी बीजेपी ने टीएमसी को 11 हजार 620 वोटों से मात दी थी। ओनदा सीट से 26 हजार 373 वोटों से बीजेपी ने टीएमसी को मात दी थी। विष्णुपुर में बीजेपी ने 22 हजार 818 वोटों की बढ़त बनाई थी। कोतुलपुर में बीजेपी ने 9 हजार 99 वोट से टीएमसी को पीछे छोड़ा था। इंदास सीट पर टीएमसी को 13 हजार 593 वोट से बीजेपी ने मात दी थी। सोनामुखी सीट पर भी 23 हजार 835 वोटों की बीजेपी ने लीड बनाई थी। साफ है कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी,पलायन, कट मनी और तोलाबाजी से इस इलाके के लोगों में सत्ताधारी दल को लेकर नाराजगी रही है। इस नाराजगी का इजहार बांकुड़ा की जनता ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कर दिया था। बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव के ट्रेंड के ही जारी रहने की उम्मीद 2021 में भी है। वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के सामने बीजेपी की इस बढ़त को काटने की बड़ी चुनौती है। अब दो मई को ही पता चल पाएगा कि तृणमूल और बीजेपी में से कौन अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रहा है।
 

Content Writer

Nitika