West Bengal Election... दक्षिण 24 परगना में दीदी के सामने कमजोर नजर आ रही है BJP
Saturday, Apr 10, 2021-09:28 AM (IST)

पश्चिम बंगालः पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में दक्षिण 24 परगना की 11 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। चौथे चरण में सोनारपुर उत्तर और दक्षिण, भांगड़, कसबा, जादवपुर और टालीगंज में वोटर भारी तादाद में मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा बेहला पूर्व, बेहला पश्चिम, महेशतला, बजबज और मटियाबुर्ज में भी चौथे चरण में मतदान किया जा रहा है। आइए पहले डालते हैं इन 11 सीटों के समीकरण पर एक नज़र।
साउथ 24 परगना जिले में कुल चार लोकसभा सीट आती है। जाधवपुर, डायमंड हार्बर, मथुरापुर और जयनगर लोकसभा की सीटें दक्षिण 24 परगना जिले के तहत आती हैं। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो ये इलाका ममता दीदी का मजबूत किला साबित हुआ है। वहीं बीजेपी 2019 के चुनाव में इस किले में सेंध लगाने में बुरी तरह से नाकाम हुई। जाधवपुर सीट पर तृणमूल कैंडिडेट मिमी चक्रवर्ती ने बड़ी मार्जिन से 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल किया था। इस सीट पर तृणमूल कैंडिडेट को 47.91 फीसदी वोट मिला था।
वहीं बीजेपी को महज 27.96 फीसदी वोट ही मिल पाया था। जाधवपुर में सीपीएम कैंडिडेट बिकास रंजन भट्टाचार्य को 2019 के लोकसभा चुनाव में 3 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं डायमंड हार्बर सीट पर टीएमसी कैंडिडेट अभिषेक बनर्जी ने बंपर मार्जिन से जीत हासिल की थी। ममता दीदी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से 56.13 फीसदी वोट हासिल किया था, जबकि बीजेपी कैंडिडेट नीलांजन रॉय को डायमंड हार्बर सीट पर 33.59 फीसदी वोट ही मिल पाया था, यानी डायमंड हार्बर एक तरह से टीएमसी का अभेद्य किला साबित हुआ है।
वहीं मथुरापुर सीट पर टीएमसी कैंडिडेट चौधरी मोहन जटुवा ने बड़ी मार्जिन से 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। जटुआ को 2019 में यहां से 51.84 फीसदी वोट मिला था, जबकि बीजेपी कैंडिडेट श्याम प्रसाद हाल्दर को 37.29 फीसदी वोट मिला था। इस लिहाज से मथुरापुर भी टीएमसी का एक मजबूत किला साबित हुआ है। वहीं जॉयनगर सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। टीएमसी कैंडिडेट प्रतिमा मोंडल को 56.13 फीसदी वोट मिला था और बीजेपी कैंडिडेट अशोक कंडारी को 32.77 फीसदी ही मिल पाया था।
साफ है दक्षिण 24 परगना के इलाके में टीएमसी बेहद मजबूत स्थिति में है। 2019 में बीजेपो को यहां कामयाबी नहीं मिल पाई थी। इसलिए 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सफलता हासिल करना बेहद मुश्किल लग रहा है। कोई बड़ा चमत्कार ही इस इलाके में बीजेपी को चुनावी सफलता दिला सकती है। वैसे बीजेपी को अंफान दुर्नीति और अभिषेक बनर्जी पर लगे आरोपों से बड़ी उम्मीदें हैं। वक्त ही बताएगा कि बीजेपी की ये उम्मीदें पूरी होंगी या नहीं।