शिक्षा मंत्री का विवादित बयान- "रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ, दलितों को पढ़ाई से रोकता है"

1/12/2023 1:02:29 PM

​पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता दिया। दरअसल, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनु स्मृति और रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है।

यह भी पढ़ेंः- LJP राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज का CM पर हमला- नीतीश कुमार की समाधान यात्रा नववर्ष की पिकनिक यात्रा


"भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा"
शिक्षा मंत्री ने कहा कि रामचरितमानस समाज में दलितों और वंचित महिलाओं को पढ़ने से रोकता है। साथ ही कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, नफरत से नहीं। देश में जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है। जब तक रामचरितमानस समाज में मौजूद रहेगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि वंचित तबके के लोगों पर दबाकर रखा गया है। जातिगत गणना करके सरकार उन्हें उचित सम्मान देने का काम करेगी। बाबासाहेब अंबेडकर ने मनु स्मृति को इसलिए जला दिया था, क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करता है। डॉ. चन्द्रशेखर ने एनओयू के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं से जाति का बंधन तोड़ने की अपील की। 

यह भी पढ़ेंः- बक्सर में हुए लाठीचार्ज पर Sushil Modi बोले- अब ‘लाठीमार सरकार है, बिहार में नीतीसे कुमार हैं'


"रामचरितमानस के छंद समाज में नफरत पैदा करते हैं"
डॉ. चन्द्रशेखर ने रामचरितमानस के 'अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए' चौपाई पढ़ते हुए कहा कि अधम का मतलब नीच होता है। नीच जाति के लोगों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था। जिस प्रकार से सांप के दूध पीने से दूध विषैला हो जाता है। उसी तरह नीच जाति को शिक्षा देने से वे और खतरनाक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि संघ और नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं। रामचरितमानस में ऐसे कई छंद हैं, जो समाज में नफरत पैदा करते हैं। बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर राजद से विधायक हैं।

Content Editor

Swati Sharma