CM नीतीश ने कैमूर में विभिन्न योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास, मां मुण्डेश्वरी वन्य प्राणी ईको पार्क का लोकार्पण भी किया
Wednesday, Sep 18, 2024-06:39 PM (IST)
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिले में भगवानपुर प्रखंड में मां मुण्डेश्वरी वन्य प्राणी इको पार्क का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक ऑटो रिक्शा से नवनिर्मित इको पार्क का निरीक्षण किया साथ ही जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पौधारोपण भी किया।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा यह पार्क
पौरा पहाड़ी के नीचे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 10.4 करोड़ की लागत से मां मुण्डेश्वरी वन्य प्राणी ईको पार्क का निर्माण कराया गया है। यह पार्क 13.8 एकड़ में फैला हुआ है। इस पार्क में विभिन्न वन्य प्राणी की प्रतिमायें लगाई गई हैं, वृक्ष घर, मचान, पुल, बुद्ध सरोवर का जीर्णोद्धार, ओपन एयर थियेटर, गजेबो, फव्वारे, झरने, लाईट आदि यहां लगाए गए हैं। ओपन थियेटर में 300-400 लोगों को एक साथ बैठने की व्यवस्था है। पूरे पार्क में स्वचालित स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, जिससे पूरे पार्क का पटवन किया जा सके और हरियाली को बरकरार रखा जा सके। मां मुण्डेश्वरी वन्य प्राणी इको पार्क हरे-भरे पेड़ों और खूबसूरत बागीचों से सुसज्जित है। यह पार्क पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा साथ ही इससे इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह जलप्रपात भभुआ से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित
मुख्यमंत्री ने मां मुण्डेश्वरी वन्य प्राणी इको पार्क से ही रिमोट के माध्यम से तेलष्डार कुण्ड जलप्रपात में पर्यटकों की सुविधाओं का भी लोकार्पण किया। यह जलप्रपात भभुआ से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का जलप्रपात लगभग 500-800 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो देखने में बेहद मनमोहक और पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यटकों को सुगमता को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 2.25 करोड़ रुपए की लागत से बिहार के सबसे गहरे जलप्रपात तेलहार कुण्ड में पर्यटकीय सुविधायें जैसे- पहुंच पथ, प्रवेश द्वार, सुरक्षा रेलिंग, गजेबो, पार्किंग, बैरक, शौचालय, व्यू प्वाइंट आदि का निर्माण कराया गया है। इन सुविधाओं के विकास के बाद तेलहार कुण्ड जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने मां मुण्डेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुण्डेश्वरी मंदिर कैमूर जिले के पौरा पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 108 ई० में हुआ था। यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कैमूर जिला अंतर्गत नुआंव प्रखंड स्थित अखनी पंचायत में तियरा पंप कैनाल योजना का लोकार्पण किया तथा निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने मुख्यमंत्री को तियरा पंप कैनाल योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तियरा पंप कैनाल नियमित एवं बेहतर ढंग से फंक्शनल रहे ताकि स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। तियरा पंप कैनाल योजना के पूरा होने से तियरा, अखिनी, चिन्तामनपुर, जुझारपुर, तरैथा आदि गांवों को निर्बाध रूप से सिंचाई की सुविधा मिल गयी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित उत्क्रमित मध्य विद्यालय तियरा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय तियरा के विद्यार्थियों से पठन-पाठन के संबंध में बातचीत कर जानकारी ली। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहां पढ़ाई बेहतर ढंग से हो रहा है तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही शैक्षणिक योजनाओं का लाभ भी समय से प्राप्त हो रहा है। विद्यालय प्रांगण में ही स्थित आंगनबाड़ी केंद्र तियरा का मुआयना कर मुख्यमंत्री ने वहां सेवारत शिक्षिकाओं से बच्चों की पढ़ाई एवं पोषाहार के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ाइये और इन्हें आगे बढ़ाइये। मुख्यमंत्री ने तियरा ग्राम का भ्रमण कर विकासात्मक योजनाओं की जानकारी ली। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल ही जीवन है। इसलिए जल की बर्बादी न हो, इसका सभी लोगों को ध्यान रखना चाहिए। यह हम सभी का दायित्व है। जल एवं हरियाली के बीच ही जीवन सुरक्षित है।
मुख्यमंत्री ने 4.18 करोड़ रुपये की लागत से कैमूर जिला में निर्मित होने वाले कुल 11 पुलिस भवनों के शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भभुआ एवं मोहनिया शहरों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना के शिलापट्ट का अनावरण कर कार्यारंभ भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचे, इसको ध्यान में रखते हुए कार्य योजना का निर्धारण करें। पेयजल की गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो, इसका विशेष रूप से ख्याल रखते हुए निर्धारित समय के अंदर योजना को पूर्ण कराएं। हमलोगों ने राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में गंगा जल आपूर्ति योजना के माध्यम से लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचा रहे हैं। भभुआ और मोहनिया के लोगों के घरों में स्वच्छ, शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति नियमित रुप से हो सके। इसके लिए गया और राजगीर में संचालित जलापूर्ति योजनाओं को जाकर अवश्य देंखे।