West Bengal Election: जलपाईगुड़ी और दार्जीलिंग की 13 सीटों पर क्या BJP को मात दे पाएगी TMC
Saturday, Apr 17, 2021-11:38 AM (IST)

कोलकाता(विकास कुमार): पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 45 सीटों पर मतदान जारी है। इसी कड़ी में 17 अप्रैल को दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग के 13 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। इसके अलावा उत्तर 24 परगना, पूर्वी बर्दवान और नदिया जिले की 32 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान जारी है। पांचवें चरण में 319 कैंडिडेट्स अपना भाग्य आजमा रहे हैं। दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग उत्तरी बंगाल हिल एरिया का हिस्सा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस इलाके में बीजेपी ने दमदार प्रदर्शन किया था, लेकिन ममता दीदी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरूंग के साथ गठबंधन कर बीजेपी को पीछे छोड़ने का दांव चला है। तृणमूल कांग्रेस ने इस इलाके की तीन सीटें बिमल गुरुंग के खाते में दी है। वहीं बीजेपी भी 2019 के लोकसभा चुनाव में हासिल हुई सियासी जमीन को कायम रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। आइए सबसे पहले आइए इस इलाके की विधानसभा सीटों के मजबूत दावेदार पर डालते हैं एक नज़र।
वहीं हिल एरिया में दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कलिम्पोंग 3 विधानसभा सीटें आती हैं। पहाड़ के इस तीन हॉट सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। दार्जीलिंग लोकसभा के अतंर्गत दार्जीलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग में ये 3 विधानसभा सीट आती है। तीनों सीट इस बार काफी दिलचस्प सीट इसलिए हैं कि इस सीट से एक तरफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की दो विंग्स में मुकाबला है, तो वहीं बीजेपी की इन 2 विंग्स से सीधा मुकाबला होना है। 2016 के विधानसभा चुनाव में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने हिल एरिया की तीनों सीटों पर कब्जा जमाया था। हालांकि मई 2019 में दार्जिलिंग सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के नीरज तमांग जिम्बा ने निर्दलीय उम्मीदवार बिनय तमांग को 46 हजार 538 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। बिमल गुरुंग ने बीजेपी से दोस्ती तोड़कर ममता बनर्जी के साथ गठजोड़ कर लिया है। ममता दीदी ने दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कलिम्पोंग की सीट गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ दी है। टीएमसी ने तीनों सीटें जीजेएम के गुरुंग खेमे के लिए छोड़ दी हैं। गुरुंग ने गोरखालैंड की पुरानी मांग को मुद्दा बनाया है। वहीं जीजेएम का तमांग खेमा इलाके के विकास को मुद्दा बना रहा है, हालांकि खास बात ये है कि दोनों ही गुट इस बार बीजेपी के खिलाफ किस्मत आजमा रहे हैं। आइए इस इलाके की सीटों के प्रमुख दावेदार पर डालते हैं एक नजर।
दार्जीलिंग के माटीगारा-नक्सलबारी, सिलिगुड़ी और फांसीदेवा सीट पर बीजेपी और टीएमसी में कांटे की टक्कर है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिमल गुरुंग के समर्थन से बीजेपी ने दार्जीलिंग सीट जीत ली थी। दार्जीलिंग जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली थी। दार्जीलिंग और जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी। 2019 में दार्जिलिंग लोकसभा से बीजेपी के राजू बिष्ट ने टीएमसी के अमर सिंह को हराया था। राजू बिष्ट को 7 लाख 50 हजार 67 वोट मिले थे, जबकि अमर सिंह को केवल 3 लाख 36 हजार 624 वोटों से संतुष्ट रहना पड़ा था। वहीं जलपाईगुड़ी सीट पर बीजेपी के कैंडिडेट जयंत कुमार रॉय ने बड़ी मार्जिन से टीएमसी कैंडिडेट बिजय चंद्र बर्मन को हराया था। जयंत कुमार रॉय को 7 लाख 60 हजार 145 वोट मिले थे, जबकि टीएमसी के बिजय चंद्र बर्मन को 5 लाख 76 हजार 141 वोट मिले थे। साफ है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तरी बंगाल के दार्जीलिंग और जलपाईगुड़ी में भगवा परचम लहरा दिया था। वैसे ममता दीदी ने डैमेज कंट्रोल करते हुए इस बार बिमल गुरुंग को अपने खेमे में ले आईं हैं। इसलिए बीजेपी के लिए 2019 वाली सफलता को दुहराना आसान नहीं लग रहा है।
भ्रष्टाचार के साथ बेरोजगारी इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या है। बेरोजगारी की वजह से इलाके के युवाओं में बहुत ज्यादा नाराजगी है। वेस्ट बंगाल स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने दस साल से टीचर की एक भी परीक्षा नहीं ली है। 34 साल के वामपंथी शासन में टीचर की नौकरी से युवाओं को हर साल रोजगार मिला करता था, लेकिन ममता दीदी के दस साल के राज में इस तरह की बहाली नहीं होने से युवाओं में गुस्से का माहौल है, हालांकि 2 मई के रिजल्ट से ही पता चलेगा कि जनता ने किसे ताज पहनाया हैं और किसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।