Vaishali Lok Sabha Seat: वैशाली सीट पर Chirag Paswan की अग्नि परीक्षा, यहां इस बार LJP और RJD में होगा कड़ा मुकाबला

4/7/2024 2:52:44 PM

Vaishali Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक वैशाली लोकसभा सीट है। ऐतिहासिक रूप से वैशाली का महत्व काफी ज्यादा है। वैशाली भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मस्थली रही है। य‍ह जैन मतावलंबियों के लिए पवित्र नगरी है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानी ‘रिपब्लिक’ कायम किया गया था। इतना ही नहीं यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के साथ-साथ केला, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। 

यह सीट साल 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद साल 1977 में अस्तित्व में आई। मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा और वैशाली विधानसभा को मिलाकर इस संसदीय सीट का गठन किया गया। इस लोकसभा क्षेत्र में राजपूत, यादव और भूमिहार जाति की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर आपातकाल के बाद पहली बार साल 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के दिग्विजय नारायण सिंह चुनाव जीते। इसके पहले दिग्विजय नारायण सिंह कांग्रेस के टिकट पर 5 बार सांसद रह चुके थे। साल 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर किशोरी सिन्हा सांसद चुनी गईं। 1984 में यह सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इंदिरा के पास गई और किशोरी सिन्हा एक बार फिर से सांसद चुनी गईं। 



1989 में यह सीट जनता दल के खाते में गई और उषा सिन्हा सांसद बनीं। 1991 में जनता दल के शिव शरण सिंह यहां से चुनाव जीते। 1994 में हुए उपचुनाव में समता पार्टी की लवली आनंद इस सीट से सांसद बनीं। लवली आनंद बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी हैं। 1996 में रघुवंश प्रसाद सिंह जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद 1998, 1999, 2004 और 2009 में आरजेडी के टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2014 में मोदी लहर में इस सीट पर एलजेपी के रामा सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एलजेपी कैंडिडेट वीणा देवी ने जीत हासिल की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में ये सीट एक बार फिर चिराग की एलजेपी के खाते में गई है।

वैशाली लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें 



गौरतलब है कि वैशाली लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से मुजफ्फरपुर जिले की मीनापुर, कान्ति, बरुराज, पारु और साहेबगंज विधानसभा और वैशाली जिले की वैशाली विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 



2019 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी कैंडिडेट वीणा देवी ने जीत हासिल की थी। वीणा देवी ने 5 लाख 68 हजार 215 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट रघुवंश प्रसाद सिंह ने 3 लाख 33 हजार 631 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो निर्दलीय कैंडिडेट आभा राय ने 24 हजार 497 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 



अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर LJP के राम किशोर सिंह ने 3 लाख 5 हजार 450 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं RJD के रघुवंश प्रसाद सिंह 2 लाख 6 हजार 183 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JDU के विजय कुमार साहनी को 1 लाख 45 हजार 182 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 



साल 2009 की बात करें तो आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह ने 2 लाख 84 हजार 479 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं जेडीयू के विजय कुमार शुक्ला 2 लाख 62 हजार 171 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीएसपी के शंकर महतो को 17 हजार 462 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 



साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह ने 3 लाख 61 हजार 503 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं निर्दलीय विजय कुमार शुक्ला 2 लाख 55 हजार 568 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के डॉक्टर हरेंद्र कुमार को 73 हजार 287 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

वैशाली संसदीय क्षेत्र में राजपूत और यादव वोटरों का दबदबा 
25 मई को वैशाली लोकसभा सीट पर चुनाव होना है। इस लोकसभा सीट पर चिराग पासवान की पार्टी अपना कैंडिडेट उतारेंगे। वहीं महागठबंधन की तरफ से आरजेडी अपना कैंडिडेट उतारेगी। अगर जातीय समीकरण की बात करें तो वैशाली संसदीय क्षेत्र में राजपूत और यादव वोटरों का दबदबा है। भूमिहार और और मुस्लिम इस सीट पर गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। 

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Ramanjot