chhatrapati shivaji maharaj jayanti: छत्रपति शिवाजी महाराज का बिहार से है गहरा नाता, पढ़ें वो किस्सा जब मसौढ़ी के चंदा गांव में ठहरे थे Shivaji Maharaj
Wednesday, Feb 19, 2025-05:04 PM (IST)

chhatrapati shivaji maharaj jayanti: छत्रपति शिवाजी महाराज की कुशल रणनीति और युद्ध कौशल की चर्चा आज भी की जाती है। हर वर्ष उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। बता दें कि, हर वर्ष 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (chhatrapati shivaji maharaj jayanti) मनाई जाती है। यह दिन मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की वीरता और साहस को याद करने का है। उनकी गिनती महान योद्धाओं में की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज का बिहार से भी नाता है। जी हां, बता दें कि, छत्रपति शिवाजी महाराज का बिहार से भी नाता रहा है।
बिहार के गांव में ठहरे थे छत्रपति शिवाजी महाराज
इतिहासकार बताते हैं कि, छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj ) का बिहार (Bihar) से गहरा जुड़ाव रहा था। जब मुगल शासक औरंगजेब ने छल से 12 मई 1666 को शिवाजी महाराज को आगरा के किले में कैद कर लिया था, तब लगभग दिन महीने कैद रहने के बाद बड़ी चतुराई से मिठाई के बक्से के जरिये शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) 17 अगस्त 1666 को आगरा के किले से निकल गये थे। यहां से निकले के बाद शिवाजी महाराज मथुरा, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी के रास्ते पटना आये थे। इतिहासकार कहते हैं कि, शिवाजी महाराज ने पटना से गया की ओर रुख किया था और इस दौरान वे मसौढ़ी के चंदा गांव में दिनभर ठहरे थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने की मराठा साम्राज्य की स्थापना
बता दें कि, छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले था। वहीं उनकी माता का नाम जीजाबाई था। उनके पिता बीजापुर में एक मराठा सेनापति थे। बेहद कम उम्र में उन्होंने अपनी वीरता का परिचय दिया। उन्होंने तोरणा के किले पर अपना अधिकार करके अपनी वीरता का परिचय दिया था। इस समय उनकी उम्र मात्र 16 वर्ष की थी। इस तरह वीरता और नेतृत्व के दम पर उन्होंने मराठा साम्राज्य (Maratha Empire ) की स्थापना की और इस दिन को हर वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत औऱ खासकर महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण दिवस है।