पूर्वी मेदिनीपुर की 7 सीटों पर BJP-TMC में जोरदार टक्कर, अधिकारी परिवार के किले में सेंध लगा पाएंगी ममता?

3/27/2021 11:17:48 AM

पश्चिम बंगालः पश्चिम बंगाल विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। बंगाल चुनाव के पहले फेज में 5 जिलों की 30 सीटों पर वोटिंग चल रही है। इसमें पूर्वी मेदिनीपुर की सात सीटों पर भी मतदान जारी है। पटाशपुर, कांथी उत्तर, भगवानपुर, खेजुड़ी, कांथी दक्षिण, रामनगर और एगरा सीट पर मतदान चल रहा है। पूर्वी मेदिनीपुर की इन सातों सीटों पर टीएमसी और बीजेपी में कांटें की टक्कर चल रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में टीएमसी के गढ़ में बीजेपी परचम लहराने के फेर में लगी है तो टीएमसी के सामने अपने पुराने गढ़ को बचाने की सबसे कठिन चुनौती है।
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कांथी सीट से टीएमसी के सीनियर सांसद शिशिर अधिकारी बीजेपी में आ चुके हैं। पूर्वी मेदिनीपुर इलाके में लंबे अरसे से ही अधिकारी परिवार का दबदबा रहा है। इस बार मेदिनीपुर इलाके में अधिकारी परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। खास कर शुभेंदु अधिकारी की लोकप्रियता की भी अग्नि परीक्षा भी दांव पर हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में अधिकारी परिवार की तूती बोलती है। अधिकारी परिवार बंगाल की सियासत में करीब दो दशक से सक्रिय है। पूर्वी मेदिनीपुर जिले से अधिकारी परिवार का कोई ना कोई सदस्य विधायक और सांसद बनता ही रहा है।
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पूर्वी मेदिनीपुर और आसपास के जिलों में टीएमसी के पक्ष में सियासी जमीन तैयार करने का श्रेय इसी परिवार को जाता है। ममता दीदी की 2011 और 2016 की चुनावी जीत में शुभेंदु अधिकारी की भूमिका सबसे अहम थी। तृणमूल कांग्रेस की रणनीति को पर्दे के पीछे से शुभेंदु ने ही तैयार किया था। अब शुभेंदु अधिकारी पूरी ताकत से बीजेपी का झंडा थामे खड़े हैं। यही वजह है कि ममता बनर्जी शुवेंदु अधिकारी की चुनौती को स्वीकार करते हुए नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ रही हैं। इस बार ममता बनर्जी की ताकत की अग्नि परीक्षा भी होनी है।
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पूर्वी मेदिनीपुर में भ्रष्टाचार या तोलाबाजी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और कट मनी की वज़ह से ये इलाका आर्थिक पिछड़ेपन से जूझ रहा है। तृणमूल कांग्रेस के दस साल के लंबे शासनकाल की वजह से पूर्वी मेदिनीपुर में एंटी इनकंबैंसी का असर दिख रहा है। वहीं बेरोजगारी की बहुत ऊंची दर से भी पूर्वी मेदिनीपुर पीड़ित है। चूंकि दस साल से ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में सरकार रही है। इसलिए बेरोजगारी की समस्या के लिए पूर्वी मेदिनीपुर की जनता को सत्ताधारी दल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।


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Ramanjot

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