42 साल पहले बिहार का वो रेल हादसा...जब पुल से गिरकर नदी में समा गई थी ट्रेन, 800 लोगों की गई थी जान

6/3/2023 4:10:21 PM

Bihar News: ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 233 यात्रियों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हुए। इस घटना के बाद मौके पर कोहराम मच गया था। एक साथ तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद भयावह मंजर था। चारों तरफ लोगों की चीख पुकार मची हुई थी। आंकड़े बताते हैं कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है। इस हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। 

42 साल पहले दिखा था तबाही का ऐसा मंजर
बता दें कि 42 साल पहले बिहार में भी ऐसा तबाही का मंजर देखने को मिला था, जब यात्रियों से भरी ट्रेन बागमती नदी पर बने पुल से नीचे गिर गई। ट्रेन की कई बोगियां नदी में समा गईं। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हादसे में करीब 800 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, 6 जून 1981 को यात्रियों से भरी एक ट्रेन मानसी से सहरसा की ओर जा रही थी। ट्रेन बागमती नदी के ऊपर बने पुल को पार कर रही थी। तभी अचानक ट्रेन में जोर से झटका लगता है। इसी बीच ट्रेन के अंदर बैठे यात्री कुछ समझ पाते कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर जाते हैं। कई डिब्बे पुल से नीचे गिरकर बागमती नदी में समा गए और सैंकड़ों लोगों की जान चली गई।  

आइए नजर डालते हैं अब तक की भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं पर- 

20 अगस्त, 1995ः  उत्तर प्रदेश में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। हादसे में लगभग 305 यात्री मारे गए। 

2 अगस्त, 1999ः ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मारे गए और 300 से अधिक हो गए। पीड़ितों में सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कई जवान शामिल थे। 

26 नवंबर, 1998ः  पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की मौत हो गई। 

20 नवंबर, 2016ः उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई और 260 अन्य घायल हो गए। 

28 मई, 2010ः मुंबई जा रही जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई। 

नौ सितंबर, 2002ः हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई, जिससे उसमें सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई। 

23 दिसंबर, 1964ः पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई, जिससे उसमें सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई। 

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Ramanjot