बिहार छोड़ दिल्ली चले केके पाठक, CM नीतीश कुमार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के आवेदन को दी मंजूरी

2/29/2024 9:51:29 PM

पटनाः बिहार के चर्चित आईएएस अफसर एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकार से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए एनओसी मांगी थी जिसे बिहार की नीतीश सरकार ने मंजूरी दे दी है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की। राजभवन, शिक्षक संघ और राजनेताओं से हुए उनके विवादों के बाद इस कदम से सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है। केके पाठक के फैसलों को लेकर लगातार विवाद हो रहा था। विभिन्न शिक्षक संघ, अभिभावक संघ, राजनेताओं ने उनके फैसलों पर आपत्ति जताते हुए मोर्चा खोला। विवादों के बीच केके पाठक ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन दिया, जिसे राज्य सरकार ने मंजूर भी कर लिया है। बताया जा रहा है कि विवादों से छुटकारा पाने के लिए केके पाठक ने दिल्ली जाने का मन बनाया है।



कुलपतियों और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों की बैठक में शामिल न होने वालों का केके पाठक ने रोका वेतन
हाल ही में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार को लेकर केके पाठक का विवाद हुआ। शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। राजभवन ने इस बैठक में जाने से पदाधिकारियों को मना कर दिया। इसके बाद राज्य के सभी वीसी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। केके पाठक ने भी एक्शन लेते हुए बैठक में शामिल नहीं होने वाले वीसी और अन्य पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया।

स्कूलों की टाइमिंग पर अड़े केके पाठक
इसके अलावा स्कूलों की टाइमिंग को लेकर भी नीतीश सरकार और केके पाठक के बीच लंबा विवाद चला। पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए स्कूलों का समय सुबह 9 से 5 बजे तक कर दिया। इसका शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों ने विरोध शुरू किया। विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान भी यह मुद्दा उठा। इसके बाद सीएम नीतीश ने कहा कि स्कूलों का समय सुबह 10 से 5 बजे तक ही रहेगा। केके पाठक से बात करके वह कह देंगे। नीतीश के इस बयान के बाद भी विभाग की ओर से स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश जारी नहीं हुआ तो विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं पाठक
वहीं, केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं। सीएम ने उन्हें पिछले साल शिक्षा विभाग का एसीएस बनाया था, जिसके बाद उन्होंने कई तरह के नवाचार किए। स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति से लेकर शिक्षकों की अनुशासनहीनता के खिलाफ वे सख्त दिखे। इसका उन्हें जमकर विरोध भी झेलना पड़ा। कुल मिलाकर पाठक का बीते 8 महीने का कार्यकाल विवादों भरा रहा। यहां तक कि महागठबंधन सरकार में शिक्षा विभाग के मंत्री रहे चंद्रशेखर से उनकी लंबे समय तक तकरार चली।


बिवादों के बावजूद भी केके पाठक के कामों की सीएम नीतीश ने की तारीफ
पिछले दिनों बिहार विधानसभा में केके पाठक का बचाव करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने उनके कामों की तारीफ की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केके पाठक ईमानदार अफसर हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों को भी सीएम ने खूब खरी-खोटी सुनाई।

Content Writer

Ajay kumar