Asthawan Assembly Seat: अस्थावां विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

10/17/2020 12:09:17 PM

 

नालंदाः बिहार का अस्थावां विधानसभा सीट (Asthawan Assembly Seat) नालंदा लोकसभा के तहत आता है। 1951 में ही अस्थावां विधानसभा सीट (Asthawan Vidhan Sabha Seat) अस्तित्व में आया था। 1951में अस्थावां सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कैंडिडेट मोहम्मद ताजुद्दीन ने जीत हासिल की थी। वहीं 1957 में अस्थावां में जनता पार्टी ने कांग्रेस को हराने में कामयाबी हासिल की थी। जनता पार्टी के कैंडिडेट नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था। वहीं 1962 में अस्थावां सीट पर कौशलेंद्र प्रसाद नारायण सिंह ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर जीत हासिल किया था। 1967 में कांग्रेस (Congress) ने एक बार फिर यहां सभी विरोधियों को मात दे दिया था। कांग्रेसी कैंडिडेट बी पी जवाहर ने यहां से जनता का भरोसा हासिल कर लिया था।

वहीं 1969 में अस्थावां से जनता पार्टी के कैंडिडेट नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने एक बार फिर सभी विरोधियों को मात दे दी थी। 1972 में कांग्रेस कैंडिडेट अयोध्या प्रसाद ने अस्थावां सीट पर जनता का समर्थन हासिल किया था। 1977 के चुनाव में निर्दलीय कैंडिडेट इंद्रदेव चौधरी ने अस्थावां से जीत का का परचम लहराया था। 1980 के चुनाव में कांग्रेस (Congress) कैंडिडेट अयोध्या प्रसाद ने फिर से अस्थावां सीट पर जीत हासिल कर लिया था, लेकिन 1985 और 1990 के चुनाव में रघुनाथ प्रसाद शर्मा ने बतौर निर्दलीय कैंडिडेट लगातार 2 बार अस्थावां में विरोधियों की हवा निकाल कर रख दिया था। 1995 के चुनाव में भी अस्थावां सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट सतीश कुमार ने किसी भी पार्टी के कैंडिडेट को टिकने का मौका ही नहीं दिया था। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में एक बार फिर निर्दलीय कैंडिडेट रघुनाथ प्रसाद शर्मा ने विरोधियों को करारी शिकस्त दे दिया था। 2005 और 2010 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कैंडिडेट जितेंद्र कुमार ने अस्थावां की जनता का भरोसा हासिल कर लिया था। 2015 के चुनाव में भी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कैंडिडेट जितेंद्र कुमार ने अस्थावां सीट पर जीत का परचम लहरा दिया था।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में अस्थावां सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर जितेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी। जितेंद्र कुमार ने चुनाव में 58 हजार 909 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी के कैंडिडेट छोटेलाल यादव को 48 हजार 464 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से जितेंद्र कुमार ने छोटेलाल यादव को 10 हजार 445 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं नोटा का बटन 5 हजार 390 लोगों ने दबाया था।

विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में अस्थावां सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर जितेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी। जितेंद्र कुमार ने चुनाव में 54 हजार 176 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट कपिलदेव प्रसाद सिंह ने 34 हजार 606 वोट हासिल किया था। इस तरह से जितेंद्र कुमार ने कपिलदेव प्रसाद सिंह को 19 हजार 570 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट जुगेश्वर मांझी, 4 हजार 286 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में अस्थावां सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर जितेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी। जितेंद्र कुमार ने चुनाव में 40 हजार 474 वोट हासिल किया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट कुमार पुषपंजय को 24 हजार 988 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से जितेद्र कुमार ने कुमार पुषपंजय को 15 हजार 486 वोट से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट रामानुग्रह सिंह, 3 हजार 720 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में यहां महागठबंधन (Mahagathbandhan) और एनडीए (NDA) के बीच कड़ा मुकाबला होगा। साथ ही कई दलों के गठबंधन भी अपनी ताकत दिखाएंगे। ऐसे में जीत उसी पार्टी के कैंडिडेट को मिलेगी जिस पर जनता ज्यादा से ज्यादा भरोसा करेगी।

Nitika