Bihar Election: बक्सर की सभी सीट पर निवर्तमान विधायकों को चुनौती देंगे नवोदित प्रत्याशी

10/26/2020 1:36:07 PM

 

पटनाः बिहार में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बक्सर जिले की सभी 4 सीट पर निवर्तमान विधायकों को नए प्रत्याशी चुनौती दे रहे हैं।

बिहार की हाइप्रोफाइल सीटों में शुमार डुमरांव से एनडीए के घटक जदयू ने इस बार निवर्तमान विधायक ददन सिंह यादव का टिकट काटकर पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को पहली बार उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज होकर यादव मैदान में निर्दलीय उतर आए हैं। वहीं महागठबंधन के घटक भाकपा-माले की ओर से पहली बार चुनाव लड़ रहे अजीत कुमार सिंह, लोजपा के अखिलेश कुमार सिंह और डुमरांव से महाराज कमल बहादुर सिंह के पौत्र शिवांग विजय सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले को रोचक बनाने में जुटे हैं। इस तरह वर्ष 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 से लेकर 2015 तक इस सीट जीतते रहे यादव को नवोदित प्रत्याशी चुनौती दे रहे हैं।

पिछले चुनाव में यादव ने बीएलएसपी के राम बिहारी सिंह को 30339 मतों से हराया था। इस बार यहां से 18 प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं, जिनमें 16 पुरुष और 2 महिला शामिल है। ब्रहमपुर सीट से राजद के निवर्तमान विधायक शंभू नाथ यादव को पहली बार जोर आजमा रहे लोजपा उम्मीदवार पूर्व विधान पार्षद बाहुबली हुलास पांडेय, राजग की ओर से वीआइपी के जय राज चौधरी चुनौती दे रहे हैं। वर्ष 1990 और 2010 में इस सीट पर जीत दर्ज कर चुकी भाजपा ने पिछले चार दशक में पहली बार यहां से चुनाव नहीं लड़ रही है। वर्ष 2015 में यहां से राजद के शंभू नाथ यादव ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर (वर्तमान में भाजपा राज्यसभा सांसद) को 30,776 मतों के अंतर से पराजित कर दिया था।

ब्रहमपुर सीट से केवल 14 पुरुष प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। राजपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2010, 2015 से लगातार 2 बार जीत चुके जदयू उम्मीदवार एवं परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी पिच पर उतरे हैं। उन्हें पहली बार चुनाव मैदान में उतरे बसपा के संजय राम, लोजपा के निर्भय कुमार निराला तथा भाजपा छोड़ कांग्रेस का ‘हाथ' पकड़ चुके विश्वनाथ राम चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में निराला ने भाजपा के विश्वनाथ राम को 32788 मतों के अंतर से मात दी थी। राजपुर (सुरक्षित) से 14 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं, यहां भी कोई महिला प्रत्याशी उम्मीदवार नहीं है।

वर्ष 1977 में सीट घोषित होने के बाद इसी साल हुए चुनाव में कांग्रेस लहर के बावजूद जनता पार्टी के नंदकिशोर प्रसाद जीत गए थे लेकिन 1980 में कांग्रेस के चतुरी राम ने उनसे यह सीट छीन ली। इसके बाद से कांग्रेस कभी भी इस सीट पर काबिज नही हो पाई। वर्ष 2005 से जदयू लगातार जीतती रही है। राजपुर का सूर्य मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक आस्था के महापर्व छठ के दिन यहां भारी भीड़ जुटती है। ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बक्सर विधानसभा सीट इस बार बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय (डीजीपी) की वजह से चर्चा में रही है। वह ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो गये।

कयास लगाया जा रहा था कि वह बक्सर से जदयू उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार कांग्रेस के निवर्तमान विधायक संजय कुमार तिवारी को भाजपा के नवोदित प्रत्याशी बिहार पुलिस के पूर्व हवलदार परशुराम चतुवेर्दी, रालोसपा के निर्मल कुमार सिंह से चुनौती मिलने के आसार हैं लेकिन कांटे की टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच है। इस सीट से केवल 14 पुरुष प्रत्याशी ही भाग्य आजमा रहे हैं। वर्ष 2015 में कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी ने भाजपा के प्रदीप दूबे को 10181 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस सीट पर सर्वाधिक 5 बार जगनारायाण त्रिवेदी ने जीत हासिल की है।

Nitika