भोजपुर की सभी 7 सीट पर होगी कांटे की टक्कर, बागी बिगाड़ सकते हैं NDA-महागठबंधन का खेल

10/26/2020 11:36:23 AM

 

पटनाः बिहार में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में भोजपुर जिले की सात सीटों में से अधिकांश पर राजग और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर की उम्मीद है लेकिन कुछ सीटों पर बागी उम्मीदवार दोनों गठबंधनों का खेल बिगड़ सकते हैं। संदेश विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं।

राजद ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फरार निवर्तमान विधायक अरुण यादव की जगह इस बार उनकी पत्नी किरण देवी को उम्मीदवार बनाया है वहीं, राजग के घटक जदयू ने पूर्व विधायक विजेन्द्र यादव को टिकट दिया है। दिलचस्प है कि विजेंद्र यादव राजद विधायक अरुण यादव के बड़े भाई हैं यानी कि इस सीट पर मुकाबला घर के अंदर ही है। भाजपा छोड़कर आई श्वेता सिंह को लोजपा ने उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में अरुण यादव ने भाजपा के संजय सिंह टाइगर को 25427 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। इस सीट पर वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार ‘कमल' खिलाया था। भाजपा के संजय टाइगर ने निर्दलीय प्रत्याशी अरुण कुमार को हरा कर जीत दर्ज की थी। संदेश सीट पर 9 पुरुष और 2 महिला सहित 11 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हुंकार भरने लगे है। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली छवि वाले नेता दिवंगत विश्वेश्वर ओझा की रिश्तेदार मुन्नी देवी भाजपा के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतरी हैं। दिवंगत विश्वेश्वर ओझा मुन्नी देवी के जेठ थे।

वहीं मुन्नी देवी की जेठानी और विश्वेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरकर अपनी ही रिश्तेदार को चुनौती देने में लगी हैं। इस सीट से पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के पुत्र और पूर्व मंत्री रामानंद तिवारी के पौत्र राहुल तिवारी राजद के टिकट पर चुनावी समर में उतरे हैं। शाहपुर में 20 पुरुष और 3 महिला सहित 23 प्रत्याशी मैदान हैं। इस सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बिंदेश्वरी दुबे ने वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। रामानंद तिवारी इस सीट से सर्वाधिक 5 बार निर्वाचित हुए हैं। उनके पुत्र और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी भी शाहपुर से विधायक रह चुके हैं। मुन्नी देवी ने भी वर्ष 2005 और वर्ष 2010 के चुनाव में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।

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