Valmiki Nagar Assembly Seat: वाल्मीकि नगर विधानसभा चुनाव के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

8/28/2020 4:41:57 PM

 

पश्चिम चंपारणः बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक वाल्मीकि नगर विधानसभा सीट है। पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र वाल्मीकि नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से सटा हुआ है और बिहार के सुदूर उत्तर में है।

बता दें कि परिसीमण के बाद साल 2008 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। साल 2010 में इस सीट पर हुए चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के राजेश सिंह विधायक चुने गए लेकिन 2015 में हुए चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के बावजूद यह सीट महागठबंधन के खाते में नहीं गई। इस सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी लेकिन जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई और निर्दलीय धीरेंद्र प्रताप सिंह इस सीट से विधायक चुने गए जबकि कांग्रेस के इरशाद हुसैन दूसरे नंबर पर रहे।

वाल्मीकि नगर सीट 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजे
अब अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस (Congress) के इरशाद हुसैन को 33 हजार 580 वोटों से हराकर अपना परचम लहराया था। धीरेंद्र प्रताप सिंह को कुल 66 हजार 860 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे इरशाद हुसैन को कुल 33 हजार 280 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे बीएलएसपी (BLSP) के सुरेंद्र प्रसाद को कुल 32 हजार 855 वोट मिले थे।
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वाल्मीकि नगर सीट 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजे
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर जनता दल यूनाईटेड (Janta Dal United) के राजेश सिंह ने राजद के मुकेश कुमार कुशवाहा को 14 हजार 671 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। राजेश सिंह को कुल 42 हजार 289 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे राजद (RJD) के मुकेश कुमार कुशवाहा को कुल 27 हजार 618 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के धीरेंद्र प्रताप सिंह को 20 हजार 866 वोट मिले थे।
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बिहार में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) की उल्टी गिनती शरू हो चुकी है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने तरीके से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं लेकिन कोरोना की वजह से इस बार न तो नेताओं में चुनावी प्रचार का जोश दिखाई दे रहा है और न ही जनता में यहां तक कि चुनाव आयोग से कई विपक्षी पार्टियां कोरोना काल में चुनाव टालने की अपील कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि चुनाव प्रचार को वर्चुअल तरीके से करने के लिए काफी संसाधनों की जरूरत होती है जो उनके पास नहीं है जबकि सत्तारूढ़ दल के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। ऐसे में चुनाव आयोग को इस चुनाव को टाल देना चाहिए ताकि जनता के बीच जाकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार प्रसार कर सकें।


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Nitika

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