ये कैसा सिस्टम है! मरीज की मौत के बाद ठेले पर शव ले जाने को मजबूर परिजन, नहीं मिली एंबुलेंस

12/2/2022 1:06:27 PM

लातेहार: भले ही हेमंत सोरेन सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ऐसा ही मामला झारखंड के लातेहार जिले से आया है जहां एक आदिवासी के शव को अस्पताल से घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं कराई, जिसकी वजह से परिजन मृतक के शव को ठेले पर रख कर घर ले कर गए।

अस्पताल प्रबंधन ने नहीं कराई एंबुलेंस की व्यवस्था 
मामला जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बसिया पंचायत के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। यहां टेमराबार गांव निवासी चंदरु लोहरा नामक युवक की शराब पीने से तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक के भतीजे ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई। यहां तक कि उन्होंने मृतक के परिजनों को ये कहा कि वे अपनी व्यवस्था से शव को घर ले जाएं। इसके बाद मजबूर होकर मृतक के परिजन शव को ठेले पर रख कर घर ले कर गए।

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मदद देने से किया इंकार
इस मामले में मृतक के परिजनों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार की मदद देने से इंकार कर दिया गया है। गरीबी के कारण वे लोग खुद भी वाहन का इंतजाम नहीं कर पाए। ऐसे में मृतक के शव को ठेले के सहारे घर ले गए। मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल परिसर में एक एंबुलेंस खड़ी थी, इसके बावजूद उन्हें सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।

संजीव कुमार ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग  
परिजनों ने बताया कि इसी दौरान मुरपा मोड़ के पास बालूमाथ के पूर्व उप-प्रमुख संजीव सिन्हा ने मृतक के परिजनों को ठेले में शव ले जाता देखा और उन्हें रोक कर पूरी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन कर एंबुलेंस की मांग की। बावजूद इसके प्रबंधन ने एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं कराई। वहीं, इस मामले को लेकर पूर्व उप प्रमुख संजीव कुमार सिन्हा ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

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Khushi