केंद्रीय मंत्री ने हेमंत सोरेन के साथ कोयले के वाणिज्यिक खनन को लेकर चिंताओं पर की बातचीत

7/31/2020 1:56:36 PM

 

नई दिल्ली/रांचीः केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ वाणिज्यिक कोयला खनन को लेकर उठाई जा रही चिंताओं पर बातचीत की। इससे पहले, झारखंड सरकार ने यह आशंका जताई थी कि कोरोना महामारी के कारण खदानों की नीलामी के लिये निवेशक आगे नहीं आएंगे।

कोयला मंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ बैठक हुई। राज्य के लिए खनन जीवन रेखा है। इससे अगले 4 साल में 18,800 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य को प्राप्त होने की उम्मीद है। हमने राज्य में खनन गतिविधियों को समर्थन देने के लिये मसलों के जल्दी समाधान को लेकर विचार-विमर्श किया।

एक अधिकारी के अनुसार बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें झारखंड सरकार की वाणिज्यिक कोयला खनन को लेकर चिंता शामिल हैं। एक दिन के लिए झारखंड गए जोशी ने सोरेन से यह भी कहा कि वाणिज्यक खनन से राज्य में निवेश आएगा। वाणिज्यिक खनन के लिये होने वाली 40 कोयला खदानों की नीलामी में से 9 झारखंड में हैं।

वहीं अधिकारी ने कहा कि बैठक में इस बात पर भी विचार-विमर्श हुआ कि झारखंड कैसे कोयले के बेहतर उत्पादन में मदद कर सकता है। उसने कहा कि सोरेन और जोशी ने कोल इंडिया के राज्य में खदानों के संदर्भ में जमीनी मसलों के सौहार्दपूण तरीके से समाधान के लिए आगे बढ़ने के उपायों पर भी चर्चा की। इससे पहले, कोयला मंत्री ने झारखंड सरकार की आशंका को निराधार बताया था। झारखंड सरकार का कहना है कि कोरोना के कारण खदानों की नीलामी में भाग लेने के लिये निवेशक नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि वह किसी के साथ विवाद नहीं चाहते और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

बता दें कि झारखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में वाणिज्यिक खनन के लिये कोयला ब्लाक की नीलामी की केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना को चुनौती दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को कोयला ब्लॉक की नीलामी की शुरूआत की थी। झामुमो की अगुवाई वाली झारखंड की सरकार ने अपनी याचिका में केंद्रीय कोयला मंत्रालय को प्रस्तावित वाणिज्यिक खनन की नीलामी टालने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

Nitika