लोकसभा में शिबू सोरेन को दी गई श्रद्धांजलि, जानें अध्यक्ष ओम बिरला ने क्या कहा?
Tuesday, Aug 05, 2025-01:07 PM (IST)

Shibu Soren: लोकसभा ने मंगलवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी, जिनका सोमवार को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सोरेन ने सामाजिक न्याय और जनजातीय समुदाय के विकास एवं कल्याण के लिए आजीवन संघर्ष किया तथा झारखंड राज्य के गठन में उनकी उल्लेखनीय भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा। इसके बाद सभा ने कुछ पल मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। बता दें कि सोरेन सातवीं, नौवीं, 10वीं, 11वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा के सदस्य थे।
राज्यपाल सहित मंत्रियों और विधायकों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
बता दें कि वयोवृद्ध आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर राज्य विधानसभा लाया गया, जहाँ राज्यपाल संतोष गंगवार और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ जैसे राजनीतिक नेताओं ने विधानसभा परिसर में झामुमो नेता को श्रद्धांजलि दी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्य के मंत्री इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और कई विधायकों ने विधानसभा परिसर में दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अविनाश कुमार सहित कई नौकरशाह विधानसभा परिसर में आदिवासी नेता को श्रद्धांजलि देते देखे गए।
'गुरुजी अमर रहें' के लगाए नारे
बड़ी संख्या में लोग और झामुमो कार्यकर्ता अंतिम श्रद्धांजलि देने विधानसभा पहुंचे और 'गुरुजी अमर रहें' के नारे लगाए। शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर लेकर शव वाहन सुबह करीब 10.30 बजे विधानसभा परिसर पहुंचा। सफेद कुर्ता-पायजामा और आदिवासी गमछा पहने हेमंत सोरेन अपने पिता के साथ थे। आदिवासी नेता के पार्थिव शरीर को मंगलवार को राज्य की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
81 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
गुरुजी, जैसा कि शिबू सोरेन लोकप्रिय रूप से जाने जाते थे, ने सोमवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 81 वर्ष के थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सह-संस्थापक सोरेन का किडनी संबंधी समस्याओं के लिए एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था।