BAU में शोक सभा कर प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ एससी प्रसाद को दी गई श्रद्धांजलि

2/10/2023 3:07:57 PM

रांची: झारखंड के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एवं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ एससी प्रसाद के निधन पर रांची कृषि महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में एक शोक सभा का बीते गुरुवार को आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उनके वैज्ञानिक योगदान, प्रशासनिक क्षमता और मानवीय गुणों की चर्चा की तथा 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

देश-विदेश के प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में उनके लगभग 150 शोध पत्र प्रकाशित थे
शोक सभा की अध्यक्षता कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एसके पाल की और उनके साथ बिताए गए कामकाज के अनुभव को याद किया। पूर्व डीन डॉ एम एस यादव, प्रो डीके रूसिया तथा डॉ सीएस महतो ने भी उनके प्रति अपने उद्गार रखे। सन् 1937 में इचाक, हजारीबाग में जन्मे डॉ प्रसाद ने बिहार सरकार में विभिन्न स्थानों पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के रूप में 5 वर्षों तक सेवा देने के बाद में रांची कृषि महाविद्यालय की सेवा में आये। सहायक प्राध्यापक, एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में चावल फसल पर काम करते हुए यूनिवर्सिटी प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक पद पर प्रोन्नत हुए और इसी पद से 1997 में अवकाश ग्रहण किया। देश-विदेश के प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में उनके लगभग 150 शोध पत्र प्रकाशित थे।

कृषि विज्ञान केंद्र गोड्डा की स्थापना में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया
झारखंड की मिट्टी एवं आबोहवा में बेहतर उत्पादन देने वाले चावल के एक दर्जन से अधिक प्रभेदों के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। जांबिया सरकार, दक्षिण अफ्रीका, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलिपींस तथा इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट के लिए भी उन्होंने वर्षों तक कार्य किया। रिटायरमेंट के बाद भी लगभग दो दशकों तक एक वैज्ञानिक के रूप में उनका काफी सक्रिय जीवन रहा। कृषि विज्ञान केंद्र गोड्डा की स्थापना में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया। 

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Khushi