जनजातियों का गौरवशाली इतिहास रहा है और इनकी सभ्यता एवं संस्कृति अत्यंत ही समृद्ध है: राज्यपाल

3/25/2023 12:28:50 PM

रांची: झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि जनजातियों का गौरवशाली इतिहास रहा है और इनकी सभ्यता एवं संस्कृति अत्यंत ही समृद्ध है। साथ ही हमारे जनजातियों की कला-संस्कृति, साहित्य, परंपरा व रीति-रिवाजों की विश्वव्यापी पहचान है। ये प्रकृति प्रेमी हैं और यह इनके पर्व-त्यौहारों एवं अनुष्ठानों में झलकता है। उन्होंने राज्यवासियों को सरहुल पर्व की बधाई देते हुए कहा कि सरहुल सिर्फ एक पर्व ही नहीं है, बल्कि मानव जीवन और प्रकृति के बीच अटूट संबंध का अनुपम उदाहरण है। सरहुल यह संदेश देता है कि प्रकृति के बिना मनुष्य का अस्तित्व नहीं है।

"यह पर्व मानव को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित करता है"
राज्यपाल ने जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय, रांची विश्वविद्यालय, रांची द्वारा आयोजित ‘‘सरहुल पूजा महोत्सव'' में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर महापौर, रांची डॉ0 आशा लकड़ा, सचिव, विकास भारती पद्मश्री अशोक भगत, कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची प्रो0 अजीत कुमार सिन्हा समेत विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं विद्यार्थीगण मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा आज के आधुनिक युग में जहां पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित हैं, ऐसे में इस प्रकार के त्योहारों की अहमियत और भी बढ़ जाती है। यह पर्व मानव को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित करता है।

"वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है, वृक्ष है तो जीवन है''
उन्होंने वृक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 'वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है, वृक्ष है तो जीवन है''। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में वनम संस्था द्वारा काफी संख्या में वृक्षारोपण किया गया, जिससे वहां के भू-गर्भ जल-स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और बारिश में भी बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य को वृक्षारोपण के क्षेत्र में उक्त संस्था के अनुभव का लाभ प्राप्त हो, इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया जायेगा। उन्होंने राज्य के लोगों से जल संरक्षण व अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का संदेश दिया।

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Khushi