रघुवर दास की मांग- उपायुक्त अबू इमरान को स्थानांतरित करते हुए किया जाए निलंबित

9/22/2021 6:41:51 PM

 

रांचीः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के राज्यपाल को पत्र लिखकर विधायक बंधु तिर्की व उपायुक्त अबू इमरान के बीच हुई बातचीत के संबंध में कारर्वाई करने की मांग की है।

दास ने बुधवार को अपने पत्र में लिखा है कि झारखंड के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में आज एक खबर छपी है जिसके कटिंग को मैं अपने इस पत्र के साथ संलग्न कर भेज रहा हूं। इसके साथ साथ विभिन्न सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कांग्रेस के विधायक बंधु तिकी और लातेहार के उपायुक्त अब इमरान की तथाकथित बातचीत है। अत्यंत दुखद है कि कुछ दिन पूर्व झारखंड में लातेहार जिला में करमा पूजा के दौरान आदिवासी समाज की 7 छोटी बच्चियां डूब गई थी।

इस घटना के संबंध में यह अत्यंत दुखद है कि वहां का डीसी पीड़ति परिवार को सहयोग करने की बजाय इस वायरल ऑडियो वीडियो में राज्य के एक जनप्रतिनिधि को धर्म के नाम पर अपने कर्तव्य और कार्य से रोकने का प्रयास कर रहा है और उक्त जनप्रतिनिधि को लातेहार जिला में ना आने की सलाह दे रहा है। यह सरकारी अधिकारी का नाम आईएएस अबू इमरान है। अपनी बातचीत के क्रम में यह आईएएस अधिकारी अबू इमरान इस बात की दुहाई दे रहा है कि कांग्रेस के विधायक मुसलमानों की वोट पर ही जीत कर आए हैं। अर्थात कहने का मतलब है कि यदि मुसलमान कांग्रेस को वोट नहीं करते तो कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती और विधायक को समझा रहा है कि क्योंकि वहां का डीसी वहां का बीडीओ और गांव वाले सभी मुसलमान है इसलिए विधायक का वहां पर आना पूर्ण रूप से अनुचित होगा।

दास ने अपने पत्र में कहा है कि लातेहार के डीसी द्वारा इस प्रकार की सांप्रदायिक बातें एक राज्य के जनप्रतिनिधि से करना सभी सरकारी नियमों और प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है और दर्शाता है कि किस प्रकार से झारखंड की वर्तमान सरकार तुष्टिकरण की राजनीति और अल्पसंख्यकों में भेदभाव और आपसी मनमुटाव बढ़ाने के उद्देश्य से इस प्रकार के गंदे और संकीर्ण मानसिकता रखने वाले अधिकारियों का पदस्थापन लातेहार जैसे संवेदनशील जिला में की है। डीसी लातेहार का आचरण और कार्यशैली अत्यंत निंदनीय तो है ही इसके साथ साथ जिस जनप्रतिनिधि के साथ उनकी बातचीत हो रही है उनकी भी भूमिका अत्यंत निंदनीय, गंदी और तुष्टीकरण की राजनीति से भरपूर नजर आती है।

यदि उक्त कांग्रेसी विधायक के मन में जरा सी भी शर्म होती और अपने कर्तव्य और संविधान के प्रति ली हुई प्रतिज्ञा और शपथ और आस्था होती तो वह खुद ब खुद इस पूरी घटना की शिकायत वरीय अधिकारियों से करता या राज्य के नेताओं को बताता जो कि उसने नहीं किया। स्पष्ट है कि यह कांग्रेसी विधायक केवल और केवल वोट बैंक की राजनीति जानता है और इसे आदिवासी समाज की बच्चियों के प्रति कोई संवेदना नहीं है। मेरा अनुरोध है कि इस पूरे मामले में तत्कालीन लातेहार के वर्तमान उपायुक्त और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अबू इमरान को स्थानांतरित करते हुए निलंबित किया जाए। 
 

Content Writer

Diksha kanojia