झारखंड में सौर ऊर्जा बन रहा आधारित सिंचाई फसल उत्पादन में बदलाव का वाहक

10/26/2021 3:41:00 PM

 

रांचीः झारखंड में किसानों की आर्थिक समृद्धि एवं बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाएं बदलाव का वाहक बन रहीं हैं। राज्य सरकार पूरे साल सिंचाई सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने की और अग्रसर है।

इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा रही हैं। खासकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है। इससे किसानों को नुकसान होता है और मजबूरन मानसून पर ही निर्भर रह एकफसलीय खेती करनी पड़ती हैं। बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में योजना के तहत कार्य कराया जा रहा है।

बोकारो की बात करें, तो यहां सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 500 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत लाया जा रहा है। अबतक जिले के लगभग 480 किसान परिवार योजना से लाभान्वित हुए हैं। प्रत्येक पंप इकाई में 5एचपी की क्षमता है, जिसमें एक पंप हाउस में स्थापित 5 किलोवट सौर पैनल है, जो 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल के 300 मीटर को कवर करता है। बोकारो में कुल 48 ऐसी इकाइयां स्थापित की जानी हैं, जो लगभग 500 एकड़ भूमि को सिंचित करेगी। इससे पूर्व लातेहार और सिमडेगा जिलों में भी किसानों को लाभ पहुंचाने और बहुफसलीय खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तकनीक को अपनाया गया है।

लातेहार में लगभग 100 इकाइयों को स्थापित करते हुए 1000 एकड़ से अधिक भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत कवर किया गया है। जबकि, सिमडेगा में 105 से अधिक सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे जिले भर के लगभग 5000 परिवारों को लाभ हुआ है। किसानों को लाभान्वित करने के लिए अधिक से अधिक पंप इकाइयां स्थापित करने की दिशा में कार्य हो रहा है।

विभिन्न प्रखंडों से सिंचाई सुविधा से संबधित रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि सिंचाई सुविधा से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जा सके। इसके अलावा, हम जिले के विभिन्न हिस्सों में सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों के कार्यान्वयन पर काम कर रहे हैं। इससे छोटे समूहों या पहाड़ी इलाकों में काम करनेवाले किसानों को मदद मिलेगी। साथ ही बंद पड़े खदानों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करने पर भी काम किया जा रहा है।

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Diksha kanojia