‘आत्मनिर्भर भारत'' से प्रेरणा लेकर SAIL के विशिष्ट उत्पाद से देश में ''अनाज बचाओ अभियान'' को मिल रही गति
9/1/2021 1:07:02 PM
रांचीः ‘आत्मनिर्भर भारत' की प्रेरणा से झारखंड में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के बोकारो स्टील लिमिटेड (बी.एस.एल) एवं रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेन्टर फॉर आयरन एंड स्टील (आरडीसीआईएस), रांची की टीम ने एक उत्तम कोटि का दीर्घ-जीवन से लैस विशिष्ट इस्पात (गैल्वेनाइज्ड शीट्स) तैयार किया है जिसका उपयोग देश में अनाज संचयन कक्ष (साइलो) के निर्माण में होगा।
भारतीय खाद्य निगम ने अबतक इस विशेष इस्पात को विदेशों से आयात करता था। हाल ही में, पीपीपी मोड के तत्वावधान में एफसीआई ने 10000 टन से अधिक क्षमता वाले स्वचालित बड़े साइलो के निर्माण के लिए निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया है। यह उत्पाद देश की इस विशिष्ट मांग को पूरा करता है, जिससे अनाजो को ऋतु-अपक्षय से बचा कर लम्बे समय तक रखा जा सकेगा। साइलो की गुणवत्ता में इस वृद्धि का कारण, इस्पात की उच्च आतंरिक शक्ति (कम से कम 350 मेगा पास्कल) एवं लोड मिलने पर 16त्न विस्तार होने की क्षमता के अतिरिक्त 450 ग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक जस्ते की कोटिंग को धारण करने की क्षमता है। साथ ही, सेल के इंजीनियरों ने अनुकूलतम रासायनिक संरचना के साथ इस विशेष इस्पात को डिजाइन किया है।
परीक्षणों के दौरान इस्पात शीट की मोटाई, तापमान तथा लाइन स्पीड को सही मापदंडों में रखकर यह सफलता हासिल की गयी। इस अवसर पर आरडीसीआईएस के ईडी एन. बनर्जी ने मंगलवार को एन. मण्डल की नेतृत्व वाली आरडीसीआईएस, रांची की टीम एवं सेल बोकारो की टीम को इस मेक इन इंडिया'प्रयास के लिए बधाई दी। अपने कहा, 'यह उत्पाद न केवल खरीद और वितरण केंद्रों पर, बल्कि कृषि स्थानों पर भी भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा देगा। जैसा कि सरकार ने साइलो को मंडियों के बराबर का दर्जा दिया है, इस इस्पात से तैयार विशालकाय साइलो, सरकार द्वारा नियोजित 10 मिलियन टन के भंडारण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।''