अनुसंधान एवं नवाचार किसी भी राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता है: अन्नपूर्णा देवी

4/30/2022 2:53:28 PM

रांचीः केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि अनुसंधान एवं नवाचार किसी भी राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने और एक स्थायी अर्थव्यवस्था विकसित करने का रास्ता बनाते हैं।

अन्नपूर्णा देवी ने आज एनआईटी सिक्किम के नवीनीकृत शैक्षणिक भवन, बहुउद्देश्यीय हॉल, केंद्रीय पुस्तकालय एवं इलेक्ट्रॉनिक्स प्रयोगशाला ब्लॉक के उद्घाटन समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, भारत सरकार ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है। शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कई योजनाएं शुरू की हैं, उनमें से कुछ स्टार्ट-अप इंडिया, मेक-इन इंडिया, स्किल इंडिया, उच्चतर आविष्कार योजना, रिसर्च पार्क, इंप्रिंट आदि हैं।

उच्च शिक्षा, विशेष रूप से तकनीकी संस्थानों को प्रेरित करने, छात्रों को उद्यमी बनाने और अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों को विकसित करने में मदद करने के लिए उत्कृष्ट तकनीकी संस्थानों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इससे न केवल दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी, बल्कि बड़ी मात्रा में धन का सृजन और बचत होगी, रोजगार पैदा होगा। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि वर्ष 2010 में स्थापना के बाद से एनआईटी सिक्किम ने शिक्षा क्षेत्र में प्रभावशाली काम किया है और पूर्वोत्तर भारत के अग्रणी संस्थानों में अपनी जगह बनाई है। यह संस्थान सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक एण्ड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग व मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक कार्यक्रम प्रदान करता है।

साथ ही, यहां कंप्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, ईलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, माइक्रो इलेक्ट्रानिक्स और वीएलएसआई डिजाइन आदि में स्नातकोत्तर कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इसके साथ साथ संस्थान सभी अभियांत्रिकी विषयों, आधारभूत विज्ञान और मानविकी जैसे कार्यक्रमों में विद्या वाचस्पति की उपाधि भी प्रदान करता है। कोविड संकट के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी और दूरदर्शी नेतृत्व में हमने ‘‘आत्मनिर्भर भारत'' के निर्माण का संकल्प लिया जिसकी सिद्धि में एनआईटी सिक्किम जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं7 हम सभी जानते हैं कि सभी आईआईटी एवं एनआईटी को भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' के रूप में अलंकृत किया गया है। अत: इन संस्थानों का यह कर्तव्य है कि वे देश की युवा पीढ़ी को नेतृत्व एवं मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें तकनीकी एवं विभिन्न कौशलों में पारंगत बनाएं जिससे वे देश के विकास में उचित योगदान दे सकें एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प को पूरा कर सकें। 

Content Writer

Diksha kanojia