झारखंड के 3 नए मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत को लिखा पत्र

9/9/2021 4:08:15 PM

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने झारखंड के तीन नए मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।

दास ने गुरुवार को कहा कि समय से मानक पूरे नहीं किए गए, तो पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी झारखंड के मेडिकल के छात्रों को नुकसान सहना पड़ेगा। यह छात्रों के भविष्य के साथ राज्य की छवि को भी खराब करेगा। उन्होंने लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं वर्ष 2014 के पूर्व झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज कार्यरत थे। 2014 से 2019 के बीच राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई। इससे राज्य में 300 एमबीबीएस की सीटें बढ़ने का रास्ता साफ हुआ। लेकिन 2019 में आपकी सरकार आने के बाद से इस क्षेत्र में काम की गति मंद पड़ गई। इस कारण झारखंड के होनहार छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। या तो छात्र अच्छे नंबर लाकर भी नामांकन से वंचित हो जा रहे हैं या दूसरे राज्यों में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करनी पड़ रही है। दोनों स्थिति में नुकसान झारखंड का ही हो रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले सत्र में डाल्टनगंज, दुमका और हजारीबाग के तीन नए मेडिकल कॉलेजों में मेधावी छात्रों के प्रवेश को लेकर इस सरकार को बिलकुल भी चिंता नहीं है। चर्चा यह है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग दिल्ली फिर से इन तीन नए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा। मेडिकल कॉलेज अपनी कमियों का हवाला दे रहे हैं। यदि प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई तो यह सैकड़ों छात्रों को चिकित्सा में उनके करियर से वंचित कर देगा। मैं अपने राज्य के लोगों और हमारे युवाओं को बताना चाहता हूं कि 2014 से पहले हमारे राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेजों में 280 दाखिले की क्षमता थी। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी केंद्रीय टीम ने राज्य में हमारी टीम के साथ बहुत मेहनत की।

प्रधानमंत्री के सहयोग से झारखंड में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने तीन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की। लेकिन आपकी सरकार इन नए मेडिकल कॉलेजों को ऐसी स्थिति में पहुंचा देगी, यह सोचा भी न था। आपकी सरकार के ढुलमूल रवैये के कारण पिछले सत्र 2020-21 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अनुमति नहीं दी गई। अब इस सत्र 2021-22 में भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है।

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Diksha kanojia