झारखंड विधानसभा एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में ‘अनियमितताओं'' की न्यायिक जांच के आदेश

5/18/2022 12:00:16 PM

रांचीः झारखंड सरकार ने मंगलवार को पूर्ववर्ती रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान विधानसभा भवन निर्माण एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई ‘अनियमितताओं ' की जांच न्यायिक आयोग से कराने के आदेश दिये।

राज्य सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी। दो पंक्तियों के बयान में राज्य सरकार ने जांच के बारे में और कोई विवरण नहीं दिया है। यह भी नहीं बताया गया है कि न्यायिक आयोग का नेतृत्व कौन करेगा और उसकी जांच का क्या दायरा होगा और उसे कितने समय में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। झारखंड विधानसभा भवन और झारखंड उच्च न्यायालय के नये भवन का निर्माण कार्य पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अपने चुनावी वादों के अनुरूप किया था, लेकिन दिसंबर, 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झामुमो, राजद और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने उच्च न्यायालय भवन के निर्माण में अनियमितता के आरोप लगाते हुए इसका काम रुकवा दिया और इसकी जांच शुरू कर दी थी।

वहीं, झारखंड विधानसभा के नये भवन का निर्माण लगभग 465 करोड़ रुपये की लागत से तत्कालीन रघुवर दास नीत सरकार ने कराया था। राज्य विधानसभा चुनावों से ठीक पूर्व 12 अगस्त, 2019 को इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। नयी विधानसभा के गठन के बाद वर्ष 2020 में ही इस नये भवन में एक कमरे की फाल्स सीलिंग गिरने पर हेमंत सोरेन नीत सरकार ने भवन के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और इसके निर्माण की जांच भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो से कराने के आदेश दिये थे। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ढाई वर्षों तक तो सोई रही, लेकिन अब जब भ्रष्टाचार में फंसने और लाभ के पद के मामले में कुर्सी जाने की स्थिति सामने दिखने लगी है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बदले की भावना से आनन-फानन में जांच का यह ढोंग कर रहे हैं।

Content Writer

Diksha kanojia