झारखंड में 80 लाख से अधिक श्रमिकों ने श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया: CM हेमंत सोरेन

1/27/2022 2:06:57 PM

 

दुमकाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि कोविड से जुड़े लॉकडाउन के दौरान राज्य के मजदूरों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिनके निदान के लिए सरकार अगले डेढ़ वर्षों के भीतर ‘समग्र प्रवासन नीति' तैयार करेगी, जिसके लिए ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 80 लाख से अधिक श्रमिकों का निबंधन किया जा चुका है।

देश के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना प्रमंडल से मजदूरों का अधिक पलायन होता है। इन मजदूरों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उनपर जो बीती, वह पूरा देश जानता है, इसीलिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का निबंधन कराने हेतु ई-श्रम पोर्टल आरम्भ किया गया है, जिस पर राज्य के कुल 80 लाख से अधिक श्रमिकों का निबंधन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इसके तहत निर्माण कार्य करने वाले श्रमिक, घरेलू मजदूर, कृषि श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वाले एवं अन्य असंगठित क्षेत्र के मजदूर सम्मिलित हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के पलायन को पूर्णतः समाप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार इनकी बेहतरी के लिए कुछ करना चाहती है और इसी दृष्टि से झारखण्ड के प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित प्रवास एवं प्रवासन हेतु ‘सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनीशिएटिव' कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पायलट-प्रोजेक्ट के तौर पर दुमका, गुमला एवं पश्चिमी सिंहभूम में चलाया जाएगा। इसके माध्यम से अगले 18 माह के अन्दर झारखण्ड से मजदूरों के प्रवास से जुड़ी सभी समस्याओं का अध्ययन करके एक ‘समग्र प्रवासन नीति' तैयार की जाएगी, जिससे भविष्य में प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का निदान करने में सुविधा होगी। सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुमका की पुलिस लाइन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर गत 29 दिसंबर को उन्होंने वादा किया था कि गरीब एवं जरुरतमंद दोपहिया वाहन धारकों को महंगाई से राहत देने के लिए 26 जनवरी 2022 से 25 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल पर अनुदान दिया जायेगा। सोरेन ने कहा, ‘‘यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज से पूरे राज्य में मुख्यमंत्री सहायता योजना के माध्यम से प्रत्येक गरीब एवं जरुरतमंद दोपहिया वाहन मालिकों को प्रतिमाह 10 लीटर पेट्रोल के लिए 25 रुपये प्रति लीटर की दर से 250 रुपये की राशि उनके खाते में सीधे भेज दी जायेगी। इस योजना के लिए अभी तक 1,04,000 लोगों ने अपना निबंधन कराया है, जिनमें से 73 हज़ार का आवेदन स्वीकृत हो चुका है।'' उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था हेतु शिक्षण सामग्रियों को विकसित किया गया है।
 

Content Writer

Diksha kanojia