जनजाति समाज को वनों पर अधिकार देने के लिए मोदी सरकार गंभीरः समीर उरांव

7/4/2021 5:25:28 PM

 

रांचीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने शनिवार को कहा कि देश के जनजाति समाज को वनों पर अधिकार देने के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार गंभीर है।

उरांव ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश भर में जनजातीय समाज को वनों पर अधिकार देने के लिए गंभीर पहल की जा रही है। केन्द्र सरकार के जनजाति मामलों का मंत्रालय एवं केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं मौसम विभाग मंत्रालय द्वारा मिलकर संयुक्त रूप से समान नियमों के सामंजन करते हुए संयुक्त रूप से क्रियान्वयन की नितांत आवश्यकता है। देश के जनजातीय समाज पर सदियों से हुए ऐतिहासिक अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाने की भावना से प्रेरित होकर ‘वन अधिकार कानून, 2006 को पारित किया गया।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस कानून को बने और देश में लागू किए हुए 15 वर्ष पूरे हो चुके हैं। लेकिन वनों पर अपनी जीविका के लिए आश्रित अवलंबित, परम्परागत रूप से वन संसाधनों का नैसर्गिक ज्ञान है, वन देवता को पूजते हुए वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा रक्षा और संरक्षण करने वाला जनजाति समाज अपने परम्परागत अधिकारों से आज भी वंचित है।

उरांव ने कहा कि कानूनों में उल्लेखित प्रावधित प्रावधानों के रहते हुए भी देश के गांव-समाज को अपनी परम्परागत गांव सीमा क्षेत्र के वन संसाधनों का पुनर्निमाण, पुनरुद्धार करने, संवर्द्धन एवं प्रबंधन का अधिकार अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इस कानून के तहत वनाधिकार के व्यक्तिगत वनभूमि पट्टे तो जरूर प्राप्त हुए हैं, लेकिन सामूदायिक वनाधिकार पट्टा पूरे देश में मात्र 10 प्रतिशत दिए जा सके हैं यह अत्यंत गंभीर चिंतन का विषय है। विनय सतीश

Content Writer

Diksha kanojia