कोरोना का खौफ: हजारों की बस्ती में 4 लोगों के कंधे के लिए तरसा प्रवासी मजदूर का शव

6/15/2020 1:56:24 PM

रामगढ़ः कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ आज हर दिल के अंदर है। इसके चलते झारखंड में रामगढ़ जिले के हजार लोगों की बस्ती एक प्रवासी मजदूर का शव कांधा देने वालों के लिए तरस गया। गांव के किसी भी व्यक्ति ने कोरोना के डर से मजदूर के शव को कंधा नहीं दिया।

जानकारी के अनुसार, जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत नावाडीह गांव में प्रवासी मजदूर जितेंद्र साहू ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र का शव लेकर उसका भाई उमेश्वर अपने गांव पहुंचा। रात से लेकर सुबह तक उमेश्वर गांव के लोगों का इंतजार करता रहा लेकिन जितेंद्र के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोई नहीं आया। सभी को प्रवासी से कोरोना संक्रमण फैल जाने का डर था। वहीं मृतक के 2 मामा राजेश साहू और दशरथ साहू जब कोरांबे गांव से वहां पहुंचे तो अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की। लाख जतन के बाद प्रवासी श्रमिक की अर्थी को चार लोगों का कंधा नहीं मिल सका।

उमेश्वर साहू ने बताया कि शव को फंदे से जब उतारना था उस वक्त भी ग्रामीणों ने उसका सहयोग नहीं किया। जब एंबुलेंस आई तो चालक और चौकीदार के सहयोग से उसने जितेंद्र के शव को नीचे उतार कर पोस्टमाॅर्टम हाउस तक पहुंचाया। जब किसी ने सहयोग नहीं किया तो उसने 1500 रुपये किराया देकर जेसीबी मंगाई। उससे गड्ढा खोदकर अपने भाई के शव को दफनाया।

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Diksha kanojia