गैंगस्टर अमन साव मुठभेड़ मामले में FIR दर्ज न करने पर झारखंड HC नाराज, सरकार को दिया निर्देश
Thursday, Nov 13, 2025-11:22 AM (IST)
Ranchi News: झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को गैंगस्टर अमन साव की मौत के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में गैंगस्टर अमन साहू के कथित एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि सात महीने बीत जाने के बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई और किस प्रावधान के तहत पुलिस इसे टाल रही है। खंडपीठ ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी के केस में संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य बताया गया है, तो इसे टालने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में प्राथमिकी दर्ज कर इसकी सूचना कोर्ट को देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सीआइडी पहले से अमन साहू के भागने के केस की जांच कर रही है और उसी में किरण देवी की ओर से दिए गए ऑनलाइन आवेदन में उल्लेखित तथ्यों को भी जोड़ा गया है। इस पर अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि एनकाउंटर की घटना पर अलग प्राथमिकी दर्ज की जा सकती थी। इस मामले में अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया है।
साव इस साल की शुरुआत में पुलिस के साथ मुठभेड़ में कथित तौर पर मारा गया था। साव की मां किरण देवी ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसके आधार पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की पीठ ने किरण देवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। किरण देवी ने अपने बेटे की मौत के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। किरण देवी ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को छत्तीसगढ़ के रायपुर से रांची लाया जा रहा था, तभी 11 मार्च को पलामू में पुलिस ने उसकी हत्या कर दी। साव की मां ने दावा किया कि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि पुलिस इसे मुठभेड़ बताकर उनके बेटे की हत्या कर देगी। मामले की सुनवाई 28 नवंबर को होगी।

