झारखंड में हेमंत सरकार द्वारा की जा रही उग्रवादियों को ‘हुनरमंद' बनाने की पहल

1/20/2021 11:36:23 AM

 

रांचीः झारखंड में उग्रवाद नियंत्रण के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार का प्रयास है कि मुख्यधारा से भटके लोग वापस समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर राज्य के नवनिर्माण में सहयोग करें। इसके लिए नक्सलियों को आत्मसमर्पण का विकल्प और उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुनरमंद बनाने की पहल भी की जा रही है।

वर्ष 2020 में सरकार ने विभिन्न उग्रवादी संगठनों से जुड़े आत्मसमर्पण करने वाले 14 उग्रवादियों को प्रत्यार्पण और पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास अनुदान की राशि देने के प्रस्ताव को स्वीकृत भी किया है। इन उग्रवादियों में 11 भाकपा माओवादी, 2 पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) का नक्सली और एक तृतीय प्रस्तुती कमिटी (टीपीसी) का सदस्य है। दूसरी ओर, उग्रवाद प्रभावित जिलों में युवाओं के लिए कौशल विकास की योजना के तहत रांची, खूंटी, रामगढ़, सिमडेगा, दुमका, एवं गिरिडीह में एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) निर्माण के लिए वितीय वर्ष 2019-20 में 34 करोड़ व्यय की स्वीकृति सरकार ने दी है, ताकि युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराई जा सके।

सरकार ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के फरार चल रहे छह सक्रिय नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर नए पुरस्कार राशि की घोषणा की। बता दें कि कुल 120 नक्सलियों के विरुद्ध पहले से घोषित पुरस्कार राशि को कायम रखते हुए पुरस्कार राशि में वृद्धि करने से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। वर्तमान समय में 279 नक्सलियों के खिलाफ पुरस्कार घोषित है।

Diksha kanojia