चुनिंदा उद्योगपतियों एवं कॉरपोरेट घरानों को होगा नए कृषि कानून का फायदाः JMM

9/29/2020 2:58:19 PM

रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कृषि संबंधी विधेयकों को संसद में बिना बहस पारित कराए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए सोमवार को कहा कि इसका सीधा फायदा बड़े उद्योगपतियोंं और कॉर्पोरेट घरानों को होगा।

झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पाण्डेय ने सोमवर को यहां कहा कि नये कृषि कानून का सीधा लाभ पूंजीपतियों एवं बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को मिलना तय हो गया है, देश के बाजारों में काला बाज़ारी करने की खुली छूट दे दी गई है। कृषि विधेयकों को जिस तरह संसद में पारित कराने के तरीके से भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का किसान एवं मजदूर विरोधी चरित्र उजागर हो गया है।

पांडेय ने कहा कि देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन आज इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश को गुमराह करने में लगी है। झामुमो महासचिव ने कहा कि मंडी में पूर्व निर्धारित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' किसान की फसल के मूल्य निर्धारण का एक मात्र उपाय है, जिससे किसान की उपज का सामूहिक तौर से मूल्य निर्धारण हो पाता है।

अनाज-सब्जी मंडी व्यवस्था किसान की फसल की सही कीमत, सही वजन व सही बिक्री की गारंटी है। यदि किसान की फसल को मुट्ठीभर कंपनियां मंडी में सामूहिक खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेंगे, तो फिर मूल्य निर्धारण, न्यूनतम समर्थन मूल्य, वजन एवं कीमत की सामूहिक मोलभाव की शक्ति खत्म हो जाएगी। स्वाभाविक तौर से इसका नुकसान किसान को होगा।


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Diksha kanojia

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