बालासोर हादसे में दुमका के एक बुजुर्ग ने खोए 2 बेटे और दामाद, रोजी- रोटी के लिए घर से निकले थे...अब परिवार में कोई नहीं कमाने वाला

6/9/2023 6:42:59 PM

Dumka: बालासोर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अभी तक भी कोई उस हादसे को भूला नहीं पाया है। हादसे के बाद कुछ लोग तो मौत के मुंह से बचकर बाहर आ गए हैं जबकि कुछ लोगों ने अपनी जिंदगी गंवा दी है और उन लोगों के मरने के बाद उनके अपनों से सब कुछ छीन गया है। ऐसा ही एक परिवार झारखंड के दुमका का है जहां परिवार ने रेल हादसे में अपनों को खो दिया।



बालासोर रेल हादसे में परिवार ने खोए अपने दोनों बेटे
मामला जिले के जरमुंडी प्रखंड के राजा सिमरिया पंचायत के मठकारा गांव का है। यहां की निवासी 70 वर्षीय सोनवा मरांडी के 2 जवान बेटे और दामाद 2 जून को पैसे कमाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन तीनों को क्या पता था कि वह अपनी जिंदगी ही गंवा बैठेंगे। बालासोर रेल हादसे में तीनों की मौत हो गई। परिवार वालों को जैसे ही इसकी सूचना मिली तो उनके सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया।



"झारखंड सरकार ने इस परिवार की नहीं ली है कोई सुध"
सोनवा मरांडी का कहना है कि दोनों बेटे ही घर में कमाने वाले थे। मजदूरी करके वो जो पैसे भेजते थे, उसी से घर चलता था। सोनवा का कहना है कि अब घर का गुजारा कैसे होगा। वह खुद 70 साल के हैं। ऐसे में वो परिवार के लिए क्या ही कमा सकते हैं। उनका कहना है कि अब तक झारखंड सरकार ने इस परिवार की कोई सुध नहीं ली है। न ही किसी तरह के मुआवजे की घोषणा की गई है। वहीं, सोनवा बेटों के शव की शिनाख्त के लिए भुवनेश्वर गए हैं जबकि उनके दामाद का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

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Khushi