हेमंत सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई: आजसू
Saturday, Sep 13, 2025-02:41 PM (IST)

रांची: झारखंड में आजसू पार्टी ने हेमंत सोरेन सरकार पर नौकरी न देने और युवाओं के भविष्य के साथ धोखा करने का बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता संजय मेहता ने रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरकार की बेरोजगारी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि हेमंत सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार नौकरी का झूठा वादा कर युवाओं के सपनों को चोट पहुंचा रही है।
मेहता ने बताया कि सरकार ने पिछले कार्य काल और वर्तमान कार्यकाल दोनों में रोजगार देने के वादों को पूरा नहीं किया। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन यह भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। सरकार की परीक्षाएं पारदर्शी नहीं हो पा रही हैं तथा पेपर लीक और परीक्षा माफिया की सक्रियता से युवा परेशान हैं। खासकर जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के परिणाम और नियुक्ति प्रक्रिया में लंबितता बनी हुई है। 2025 पदों के लिए 2231 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए, जबकि तीन लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। मेहता ने बताया कि इसी तरह सहायक आचार्य पदों पर भी 15,409 पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार ने सभी 26,001 पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पूरा नहीं किया है। अभ्यर्थी मेघा सूची और नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जिन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वहीं उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान हुई 17 युवा मौतों की भी सरकार कोई ठोस पहल नहीं कर पाई है। इस भर्ती प्रक्रिया में अब तक कोई स्पष्टता नहीं आई है, जिससे युवा और उनके परिवार अस्मान्य स्थिति में हैं।
मेहता ने कहा कि सरकार के वित्तीय विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5,33,737 स्वीकृत पद थे, जो दो वर्षों में घटकर 3,26,049 रह गए। यह कटौती मुख्य रूप से शिक्षा और गृह विभागों में हुई है। प्राथमिक शिक्षा में पद संख्या 1,81,706 से घटकर 65,187 हो गई, जबकि माध्यमिक शिक्षा में पद घटकर 17,137 रह गए। गृह विभाग में भी 39,542 पद कम हुए हैं। आजसू ने कहा कि ओबीसी आरक्षण लागू नहीं हो रहा है, निजी क्षेत्र और आउटसोर्सिंग में आरक्षण की व्यवस्था बदस्तूर कागजों में ही बंद है। सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित करने में भी विफल रही है। राज्य भर के लगभग 1.6 लाख संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मी अस्थायी स्थिति में काम कर रहे हैं। साथ ही 39 डीएसपी का पदस्थापन भी अब तक नहीं हुआ, जबकि उन्होंने प्रशिक्षण पूरा किया है। यह स्थिति प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। आजसू की मांग है कि सरकार खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी करे, संविदा कर्मियों को नियमित करे और आरक्षण प्रणाली का सही पालन सुनिश्चित करे ताकि युवाओं के हितों की रक्षा हो सके।