झारखंड में दलबदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष की कोर्ट में बाबूलाल के खिलाफ दायर याचिका पर हुई सुनवाई

5/7/2022 1:51:51 PM

 

रांचीः झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल मामले में दायर दो याचिकाओं पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। राजकुमार यादव और भूषण बाड़ा की ओर से दायर संविधान की दसवीं अनुसूची से संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान मरांडी के वकील आरएन सहाय ने बाबूलाल मरांडी का पक्ष रखा।

वकील आरएन सहाय ने कहा कि इस मामले में पहले भी प्रिलिमिनरी ऑब्जेक्शन दिया गया है। यह केस चलने योग्य नहीं है। इसका कोई आधार नहीं है। इसलिए इसे रद्द किया जाये। उन्होंने कहा कि यह केस विधानसभा की नियमावली के भी प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि 11 फरवरी 2020 को झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय हुआ था। छह मार्च को इलेक्शन कमीशन ने विलय को सही करार दिया। वहीं विलय के 10 महीने बाद बाबूलाल के खिलाफ न्यायाधिकरण में पहला केस 16 दिसंबर 2020 को फाइल किया गया। मरांडी की ओर से अपील की गई कि जल्द से जल्द मामले में विधानसभा अध्यक्ष फैसला सुनाएं। वकील ने बताया कि दसवीं अनुसूची के रूल छह में साफ लिखा है कि ऐसे मामलों में शीघ्र ऑब्जेक्शन देना होगा, जबकि विलय के 10 महीने बाद ऑब्जेक्शन दिया गया।

वहीं रूल सात कहता है कि अगर रूल छह का उल्लंघन हुआ है तो विधानसभा अध्यक्ष वैसी अर्जी को खारिज कर देंगे और याचिकाकर्ता को सूचित करेंगे। उन्होंने कहा कि विलय को इलेक्शन कमीशन ने मान्यता दे दी है। इसलिए इसपर विधानसभा अध्यक्ष को फैसला लेने में देर नहीं करनी चाहिए। सुनवाई के दौरान विधायक राजकुमार यादव ने अपना पक्ष रखा। वहीं भूषण बाड़ा की ओर से वकील श्रेय मिश्रा ने बहस में हिस्सा लिया। श्रेय मिश्रा ने कहा कि इस मामले को लेकर हाई कोटर् में एक याचिका दायर की गई है। डब्लूपीसी 128 /2021 हाई कोर्ट में पेंडिंग है। इसका फैसला आने दिया जाये। उल्लेखनीय है कि नौ मई को बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और बंधु तिकर्ी की याचिका पर सुनवाई होनी है। विनय

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Diksha kanojia