CM हेमंत सोरेन और निलंबित IAS पूजा के मामले में High Court में 1 जून को होगी सुनवाई

5/25/2022 11:14:45 AM

रांचीः सर्वोच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लाभ के पद का मामला और झारखंड की खान सचिव रहीं निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की शेल कंपनियों का मामला एक बार फिर झारखंड उच्च न्यायाल के पास आ गया है।

उच्च न्यायालय इसकी सुनवाई एक जून से प्रारंभ करेगा। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार उच्च न्यायालय पहले अब यह तय करेगा कि इस मामले में दायर की गयी जनहित याचिका सुनवाई योग्य है कि नहीं। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ ने इन मामलों में मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में सभी पक्षों को अपना जवाब 31 मई तक दाखिल करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए एक जून की तिथि निर्धारित की। झारखंड उच्च न्यायालय में पहले इस मामले की सुनवाई आज सुबह 11 बजे निर्धारित थी, लेकिन इसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय में आज हो रही सुनवाई के मद्देनजर यहां इसकी सुनवाई 12 बजे शुरू की गई।

राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने पहले इस जनहित याचिका की वैधता पर सुनवाई के निर्देश दिये हैं। इसके बाद अदालत ने कहा कि न्याय और राज्य के हित में अवकाश में भी इसकी सुनवाई कर रही है। इस मामले में सरकार की ओर से आवेदन देकर चार सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित करने की मांग की गई थी। लेकिन मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और एसएन प्रसाद की पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है, इसमें इतना लंबा समय नहीं दिया जा सकता है। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्थर खनन पट्टा आवंटित करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनी में निवेश से जुड़ा है जिसको लेकर उच्च न्यायालय के अंतरिम निर्देश के खिलाफ सरकार सर्वोच्च न्यायालय गई थी।

झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)को इस मामले में सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर कहा कि याचिका अभी सुनवाई के लिए स्वीकार भी नहीं की गई है और ईडी ने उच्च न्यायालय में सीलबंद रिपोर्ट पेश कर दी है। उक्त रिपोर्ट की प्रति सरकार को भी मिलनी चाहिए। बिना दस्तावेजों को सरकार इस मामले में जवाब दाखिल नहीं कर पाएगी।
 

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Diksha kanojia