राज्यपाल ने बिरसा जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि, राज्यवासियों को झारखंड स्थापना दिवस की दी बधाई
Friday, Nov 15, 2024-11:07 AM (IST)
रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज देश की स्वतंत्रता एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। मातृभूमि के प्रति उनका साहस, संघर्ष और समर्पण हमें अपने कर्तव्यों के प्रति दृढ़ संकल्पित होने की प्रेरणा देता है। इसके साथ ही, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड स्थापना दिवस को लेकर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य से सुशोभित एवं खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने सभी नागरिकों के सुख-समृद्धि, राज्य की निरंतर प्रगति तथा समृद्ध झारखंड की कामना की है।
बता दें कि झारखंड में भगवान की तरह पूजे जाने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती है। देश उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। बिरसा मुंडा झारखंड और देश के ऐसे जननायक हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नाम पर कई योजनाएं चलती हैं। संसद भवन परिसर में इनकी प्रतिमा है। झारखंड और आदिवासियों के बीच वे भगवान बिरसा मुंडा हैं।
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 में तब के रांची और आज के खूंटी जिले उलीहातू गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। बिरसा के पिता का नाम सुगना मुंडा था और उसकी मां का नाम करमी मुंडा था। बिरसा मुंडा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मिशनरी स्कूल में की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने देखा की अंग्रेज कैसे भारतीयों और उनके समाज पर जुल्म कर रहे हैं। आखिरकार उन्हें ये जुल्म बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। झारखंड के अलावा बिरसा मुंडा की बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में भी पूजा की जाती है। रांची के कोकर में बिरसा मुंडा की समाधि है जहां हर साल उन्हें नमन करने सैकड़ों लोग आते हैं।