विकास के लिए सामाजिक-राजनीतिक मतभेद भुलाकर एक बेहतर माहौल तैयार करें झारखंडवासी : राज्यपाल

8/16/2021 4:47:06 PM

 

दुमकाः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने आज कहा कि राज्यवासी प्रदेश के विकास के लिए सामाजिक और राजनीतिक मतभेद भुलाकर एक बेहतर माहौल तैयार करने में योगदान करें।

बैस ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को राज्य की उप राजधानी दुमका के पुलिस लाईन में झंडोत्तोलन के बाद आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी की चुनौतियों से जूझ रहा है। हमारा देश और राज्य भी इससे अछूता नहीं है। राहत की बात यह है कि राज्यवासियों के सहयोग, जागरूकता तथा सरकार द्वारा इस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों से निबटने के लिए किये गये सुरक्षा उपायों की बदौलत हम इसे काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल हुए हैं। राज्य में टीकाकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है, थोड़ी सी लापरवाही भी हमें मुश्किल में डाल सकती है इसलिए इस महामारी से संबंधित सरकार के दिशा-निर्देशों का हम सब पालन करें।'' उन्होंने कहा कि राज्यवासी प्रदेश के विकास के लिए सामाजिक और राजनीतिक मतभेद भुलाकर एक बेहतर माहौल तैयार करने में योगदान करें।

राज्यपाल ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, निवेश को आकर्षित करने तथा स्थापित औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए नई झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति-2021 को लागू किया गया है। इससे निजी क्षेत्र में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास कर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। झारखंड रेशम उत्पादन में देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड में कुल 2185 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन हुआ है। इसमें संथाल परगना क्षेत्र विशेष कर दुमका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दुमका क्षेत्र में इस वर्ष लगभग 900 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन अनुमानित है।

बैस ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र में पारम्परिक रूप से बांस शिल्प का हुनर पाया जाता है। इस कला का विकास कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोडर्'द्वारा पूरे राज्य से 10336 लाभुकों का चयन कर उन्हें बाजार आधारित बांस शिल्प में 30 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति नियमावलियों एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन और संशोधन की कारर्वाई को प्राथमिकता के साथ किया है। परीक्षा संचालन नियमावली के अन्तर्गत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के रूप में अभ्यर्थियों का मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना एवं अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना अनिवार्य किया गया है। इससे राज्य की शिक्षा प्रणाली को गति मिलेगी। राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में उपरोक्त प्रावधान को शिथिल किया गया है ताकि राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित छात्रों के हितों की रक्षा हो सके।

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Diksha kanojia