दुमका जिले को कहा जाने लगा है ''लव जिहाद सेंटर प्वाइंट'', अब तक कई मामले आ चुके हैं सामने

12/26/2022 11:31:19 AM

दुमका: झारखंड के दुमका जिले से अब तक कभी दरिंदो द्वारा पेट्रोल छिड़क कर तो कभी इलेक्ट्रिक कटर से काटकर हत्या करने के मामले सामने आ चुके हैं, जिस वजह से जिले को लव जिहाद का सेंटर प्वाइंट कहा जाने लगा है। हाल ही में जिले के साहिबगंज इलाके में रेबिका हत्याकांड ने सिर्फ राज्य को ही नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर के रख दिया है।

अब तक कई मामले आ चुके हैं सामने 
दरअसल, 2014 में पहली बार राज्य में लव जिहाद का मामला सामने आया था। इसके बाद से ही लगातार ये सिलसिला चल रहा है। कुछ दिन पहले रेबिका की पति द्वारा हत्या कर टुकड़े करने के मामले से हर कोई सदमे में है। गौरतलब है कि 22 अगस्त को दुमका में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया था। वहीं, 22 अगस्त को दुमका में ही युवती की पेट्रोल छिड़क कर जला कर हत्या कर दी गई थी और 31 अगस्त को दुमका में महिला का अधजला शव बरामद किया गया था। फिर 17 दिसंबर को साहिबगंज में पहाड़िया जनजाति की रेबिका पहाड़ी की हत्या कर इलेक्ट्रिक कटर से काटकर शव के टुकड़े कर दिए गए।

बाबूलाल मरांडी ने सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार 
इस मामले पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान में इस तरह की ताकतों का मनोबल बढ़ चुका है, जिस कारण इस तरह की घटनाएं हो रही है। बाबूलाल मरांडी ने इस तरह की वारदातों के बढ़ने के पीछे सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा की ये न सिर्फ जिले में बल्कि पूरे झारखंड में भी बढ़ रही है। आदिवासी युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर जमीन हड़पने का खेल जोर-शोर से चल रहा है। पुलिस प्रशासन मौन बनी हुई है। गरीब और दबे कुचले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, संथाल के डेमोग्राफी बदलने की साजिश रची जा रही है।

"अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता"
वहीं, सत्ताधारी दल के राज्य सभा सांसद महुआ मांझी का कहना है की ये मुद्दा गंभीर है और सरकार इस मामले पर गंभीर है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा की इस तरह के मामलों को धर्म का रंग दिया जाना सही नहीं, क्योंकि अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता। साथ ही उन्होंने कहा की केंद्र सरकार भी इसे लेकर पहल करे क्योंकि कई केस कोर्ट में न्यायाधीशों की कमी के कारण पेंडिंग है।

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Khushi