हमारा संविधान केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, यह सम्पूर्ण भारतीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेजः राज्यपाल

11/27/2020 5:43:52 PM

रांचीः झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर गुरुवार को कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और हमारा संविधान केवल एक सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह सम्पूर्ण भारतीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘संविधान हमारे देश की आत्मा है जिसने अपनी यात्रा के हर पग पर सफलता अर्जित की है। इसने देश की एकता तथा अखंडता, देशवासियों की मानवीय गरिमा तथा देश के संस्थानों की अहमियत को अक्षुण्ण बनाए रखने का कार्य किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संविधान द्वारा देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था, निष्पक्ष तथा स्वतंत्र न्यायपालिका एवं जन-संवेदनशील व्यवस्थापिका कायम करने का प्रयास किया गया है।'' मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारा देश विविधताओं का देश है। यहां विभिन्न जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लोग भिन्न-भिन्न रीति-रिवाज का पालन करते हुए साथ रहते हैं। हमारा देश विविधता में एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसमें संविधान का अहम योगदान है।''

राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर कहना चाहूंगी कि भारत 70 साल पुराना देश नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता हजारों साल पुरानी है। हमारी सिन्धु घाटी सभ्यता, वैदिक काल सभ्यता, विज्ञान, कला वाणिज्य, नैतिकता तथा मानवीय मूल्य आज के यूरोप से बेहतर रहे हैं। अतः हमारा संविधान, हमारी भारतीय सभ्यता का मूर्त रूप है।'' उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि झारखंड राज्य में आज के दिन न्यायपालिका तथा कार्यपालिका ने मिलकर ‘सेवा लोक अदालत' का आयोजन किया है। इस लोक अदालत में 25,000 से ज्यादा मामलों का निष्पादन हुआ है।

Ramanjot