कांग्रेस पार्टी ने विश्व नर्स दिवस के अवसर पर नर्सों को किया सम्मानित

5/12/2022 5:39:33 PM

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने विश्व नर्स दिवस के उपलक्ष्य में नर्सों के अदम्य साहस, सराहनीय योगदान एवं कर्तव्य परायणता के लिए नर्सों को सम्मानित किया एवं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया। कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की ओर से राज्य के सभी नर्स बहनों के प्रति भी आदर प्रकट किया है।

विश्व नर्सिंग दिवस के उपलक्ष्य में रांची के प्रतिष्ठित हिल व्यू नर्सिंग होम अस्पताल बरियातू में कांग्रेस नेताओं ने 60 से अधिक नर्सों को सम्मानित किया और उनके प्रति आदर प्रकट किया। इस मौके पर कांग्रेस नेताओं के साथ हिल व्यू नर्सिंग होम के संचालक डा. नितिन प्रियदर्शी विशेष तौर पर मौजूद रहे। नर्सों को सम्मानित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा एक मरीज की जान बचाने में जितनी अहम भूमिका चिकित्सक की होती है उससे कहीं अधिक नर्स की भी होती है, कोरोना महामारी का दौर हमारे सामने रहा है, इसमें लोगों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों के साथ नर्सों ने भी अपना जीवन दांव पर लगा दिया था, जिसकी वजह से लोगों की जान बच सकी।


कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी नर्सों के कंधों पर थी, सच कहा जाए तो अपने परिवार और नन्हे-मुन्हें बच्चों को घर में छोड़कर दिन रात नर्सों ने एक योद्धा की तरह काम किया, जिसके प्रति आज पूरा देश उन्हें सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करता है। टीकाकरण के शुरुआत में जब लोग एक दूसरे से मिलने में डरते थे तब हिल व्यू अस्पताल ने और इनके नर्सों ने डर को पीछे छोड़ते हुए सभी मरीजों को टीका लगाया इसके लिए पार्टी उन्हें साधुवाद देती है।

इस मौके पर कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौर में जब अपने परिवार और रिश्तेदारों ने मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया तब नर्सों ने अपनी इंसानियत का फर्ज अदा किया। अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने प्रशिक्षण, अनुभव और योग्यता के आधार पर लोगों की जान बचाने उन्हें सेहत बनाने का काम किया। बिना किसी डर भय व भेदभाव के इलाज किया जिसे आज देश और प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया नतमस्तक हो रही है, नर्स अस्पतालों और क्लिनिको की रीढ़ होती है जिसके बिना हम स्वास्थ्य चिकित्सा की बात सोच भी नहीं सकते।

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Diksha kanojia