आयुक्त जटा शंकर चौधरी बोले- पर्यटन के रूप में विकसित होगा बंशीधर एवं केतार देवी मंदिर

10/17/2021 12:42:32 PM

रांचीः झारखंड के पलामू प्रमंडल के आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने आज सपरिवार बंशीधर नगर मंदिर एवं भवनाथपुर के केतार स्थित माँ चतुर्भुजी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। साथ ही पलामू प्रमंडल सहित संपूर्ण राज्य में अमन-चैन, सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

बंशीधर नगर एवं केतार मंदिर में पत्रकारों से बातचीत में आयुक्त ने कहा कि मंदिर पौराणिक है। यहां स्थानीय लोग सहित झारखंड के विभिन्न जिलों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं का आगमण होता है। इन मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। बंशीधर नगर में पूजा-अर्चना के बाद श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट के सलाहकार वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र चौबे ने आयुक्त को श्री बंशीधर जी की तस्वीर प्रदान कर और चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया। उन्होंने आयुक्त को बंशीधर जी का प्राकट्य और नगर राज परिवार की शिवमानी देवी के द्वारा उनकी स्थापना से संबंधित एतिहासिक एवं पौराणिक इतिहास से अवगत कराया।

मौके पर आयुक्त चौधरी ने कहा कि बंशीधर मंदिर प्रसिद्ध मंदिर है। बंशीधर मंदिर का बहुत ही पौराणिक महत्व है, यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और पूजा-अर्चना कर मनवांछित फल की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि बंशीधर मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। मंदिर को विकसित करने के लिए हर-संभव प्रयास किया जायेगा। बंशीधर नगर के अनुमंडल पदाधिकारी आलोक कुमार ने आयुक्त को बंशीधर जी की तस्वीर एवं प्रसाद भेंटकर मंदिर में स्वागत किया। मौके पर एसडीपीओ प्रमोद कुमार केशरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण राम, अंचल अधिकारी अरुण कुमार मुंडा, थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार सहित मंदिर ट्रस्ट के अन्य सदस्य एवं स्थानीय लोग मौजूद थे।

केतार के माँ चतुर्भुजी मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद आयुक्त ने मंदिर परिसर में स्वच्छता को लेकर मंदिर समिति के सदस्यों के कार्यो की सराहना की। साथ ही श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए पूजा-अर्चना करने की अपील की। उन्होंने कहा कि केतार देवी मंदिर का पौराणिक मान्यता है। यहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ झारखंड, बिहार, उतरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि स्थानों से श्रद्धालु का आगमन होता है। मंदिर में श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें। उनकी सुरक्षा को लेकर स्थानीय प्रशासन का पूर्ण सहयोग रहता है। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी श्रद्धालुओं के प्रति संवेदनशीलता का भाव रखने की अपील की, ताकि अधिक-से-अधिक श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए यहां पहुंचे। 
 

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Diksha kanojia