सरना आदिवासी धर्म कोड पर अब केंद्र को करना है फैसला: झामुमो नेता

12/3/2020 12:36:56 PM

दुमकाः झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि राज्य सरकार ने आदिवासियों की पहचान को कायम रखने के लिए प्रदेश विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड संबंधी विधेयक पारित कर दिया है अब केन्द्र सरकार को इस मसले पर फैसला करना है।

प्रो.मरांडी ने बुधवार को दुमका में पार्टी द्वारा आयोजित हार्दिक बधाई कार्यक्रम में कहा कि झारखंड के बाद इस मुद्दे पर अब देश के अधिसूचित क्षेत्रों (शेड्यूल एरिया) अंतर्गत अन्य राज्यों में रहने वाले आदिवासी समाज को एकजुट किया जा सकेगा। आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए शेड्यूल एरिया से संबंधित राज्यों में सरना धर्म कोड को लागू करना जरूरी है। झामुमो के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लम्बे अर्से से सरना धर्म कोड की मांग किया जा रहा था। इसको लेकर कई बार आंदोलन भी हुए।

इसी क्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे पारित करा कर अदम्य दिखाया है जबकि भाजपा के लोग आदिवासियों के हितों को दरकिनार कर इसका विरोध करते रहे। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा से यह विधेयक पारित होने के बाद अब इसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। केंद्र सरकार अब इस बिल पर क्या रुख अख्तियार करती है और इसे कितना गंभीरता से लेती है। यह समय बतायेगा।

इससे पहले सरना आदिवासी धर्म कोड विधानसभा में पारित होने की खुशी में आज झामुमो के बैनर तले दिशोम मांझी थान में विशेष पूजा अर्चना की गयी और सिदो-कान्हू, तिलकामांझी, स्वामी विवेकानन्द समेत अन्य महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। पार्टी नेताओं ने सरना धर्म कोड पारित होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया।

मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, जामा विधायक सीता सोरेन, पार्टी के केन्द्रीय महा सचिव विजय कुमार सिंह, जिला सचिव शिवकुमार बास्की, केन्द्रीय समिति सदस्य अब्दुल सलाम अंसारी, जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं शामिल हुए।

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