हाईटेक हुआ धनबाद का यह आंगनबाड़ी केंद्र, प्राइवेट प्ले स्कूल के तर्ज पर बहाल की गईं हैं व्यवस्थाएं

Tuesday, Mar 04, 2025-04:08 PM (IST)

Dhanbad(नीरज कुमार): धनबाद के भिस्ती पाड़ा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र इनदिनों खूब चर्चा में है। इस आँगन बाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्थाएं इतनी अच्छी है कि अभिभावकों को अपने बच्चों को इस केंद्र में भेजनें के लिए अब उन्हें पैरवी भी करनी पड़ रही है । इस आँगन बाड़ी केंद्र में हर वह चीज है जोकि एक प्राइवेट प्ले स्कूलो में होती है । यहां की सारी व्यवस्थाएं निजी प्ले स्कूल की भांति उपलब्ध करायी गई है। बच्चे बड़े उत्साह भाव के साथ यहां पढ़ने आ रहे हैं। जिसके बाद बनाये गए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पहुँचकर उपायुक्त माधवी मिश्रा ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान उपायुक्त ने बच्चों को उपलब्ध कराए संसाधनों की जानकारी ली। बच्चों की उपस्थिति को भी चेक किया। 

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प्ले स्कूल जैसी सुविधाओं से लैस  यह आंगनबाड़ी केंद्र
धनबाद का यह आंगनबाड़ी केंद्र जिसमे पढ़ने के लिए आनेवाले बच्चे जल्दी केंद्र को छोड़कर जाना नहीं चाहते हैं। पढ़ने की सारी व्यवस्थाएं होने के साथ - साथ उनके खेल के लिए भी कई संसाधन जुटाये गए हैं। इस आंगनबाड़ी केंद्र को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का रूप देने की यह पहल टेरी यानी द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिचयूट दिल्ली ने की है । इसके लिए निप्पान लाइफ इण्डिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने अपने सीएसआर से इसकी फंडिंग की है ।आंगनबाड़ी केंद्र में प्राइवेट प्ले स्कूल की भांति वॉल पेंटिंग की गई है जिसमे बच्चे खेल खेल में ही abcd, 1234, अ आ ई आदि बेसिक पढ़ाई सीख जायेंगे। यहां का क्लास रूम भी प्राइवेट प्ले स्कूल के तर्ज पर ही डेवलप किया गया है जिसमे बेंच है । डिजिटल ब्लैक बोर्ड है। चित्र के साथ फल, सब्जियों व फूलों के नाम अंकित हैं।

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आंगनबाड़ी केंद्र में प्रतिदिन बच्चों को नाश्ता और दोपहर का भोजन दिया जाता 
 आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने बताया कि बच्चों के लिए प्रतिदिन नाश्ता और दोपहर का भोजन तैयार करती हैं।  नाश्ते में बच्चों को हलुआ परोसा जाता है । वही दोपहर के भोजन में दाल भात सब्जी के अलावे एक एक अंडा भी बच्चों को दिया जाता है। प्रत्येक शनिवार को खिचड़ी बच्चों को खिलाई जाती है । श्वेता देवी ने बताया कि पहले यह केंद्र खस्ता हाल में था । कई संसाधनों की कमी थी पर आज यह आंगनबाड़ी केंद्र अलग ही लुक में है और वर्तमान में 40 बच्चे अध्ययनरत हैं और लगातार अभिभावकों की तरफ से डिमांड आ रही है कि वे भी अपने बच्चों को केंद्र भेजना चाहते हैं ।बहरहाल, बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर यहां एक पोषण सखी को भी बहाल किया गया है । कुल मिलाकर टेरी की पहल और निप्पान इण्डिया की फंडिंग से आज इस आंगनबाड़ी केंद्र को एक अलग पहचान मिली है।

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उपायुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्र पहुँचकर लिया जायजा
उपायुक्त ने बताया कि टेरी यानी द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिचयूट ने जिस प्रकार से निप्पान लाइफ इण्डिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के तौर पर डेवलप किया है। यह काफ़ी सरहानीय है। इसके बाद से यह देखा गया है कि केंद्र में बच्चों कि उपस्थिति बढ़ रही है। अभिभावक भी लगातार बच्चों को केंद्र में पढ़ने के लिए भेजनें में रूचि दिखा रहे है और अब जिला प्रशासन का यही प्रयास है कि जिले के और भी जो आंगनबाड़ी केंद्र हैं उन्हें भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास होगा और इसके लिए समाज कल्याण विभाग को लिस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।


 


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Content Editor

Harman

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