अद्भुत: झारखंड के पलामू जिले में लगता है भूतों का मेला, बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने कोने-कोने से आते हैं लोग

3/30/2023 11:36:21 AM

पलामू: भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां आस्था और अंधविश्वास का अनोखा मेल देखा जा सकता है। अंधविश्वास का जाल बिछाकर भारत में सैकड़ों ओझा-तांत्रिक अपनी दुकान चलाते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि लोग इन ढोंगियों के चक्कर में आसानी से आ भी जाते हैं। वहीं, झारखंड के पलामू जिले में साल में 2 बार भूतों का अनोखा मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं।



यहां साल में 2 बार लगता है भूत मेला
मामला जिले के हैदरनगर देवी धाम का है। यहां साल में 2 बार कार्तिक और चैत्र नवरात्र में भूतों का मेला लगता है। नवरात्र में 9 दिनों तक इस मेले में लोगों की भीड़ उमड़ती है। इस मेले में झारखंड के अलावा बिहार, उड़ीसा समेत कई अन्य राज्य के श्रद्धालु पहुंचते हैं। कहते हैं जिस इंसान पर भूत का साया होता हो वो इस माहौल में आकर झूमने लगता है।

महिलाएं अपने बालों को खोल अपने सिर को जोर-जोर से हिलाती हैं। सामने बैठा ओझा अंदर की बुरी आत्मा से बात करने की कोशिश करता है। ओझा भूत-निकाले की प्रक्रिया के दौरान अजीबो-गरीब मंत्रों का उच्चारण करता है। लोगों का कहना है कि इस देवी मां की मंदिर में आकर जो मांगों, वह जरूर पूरा हो जाता है। वहीं, यहां आस्था के नाम पर अंधविश्वास भी देखने को मिलता है। हजारों की संख्या में तांत्रिक और ओझा यहां आते हैं, जो लोगों के अंधविश्वास का फायदा भी उठाते हैं।



"भूतों के अलग-अलग प्रकार होते हैं"
हैदरनगर देवी धाम परिसर में भूतों के प्रकार और उनसे मुक्ति के लिए अलग-अलग रेट तय किए गए है। कोई भूत धोती साड़ी पर ही खुश हो जाता है जबकि कई भूत 20 से 25 हजार रुपये खर्च करवाते हैं। बिहार के औरंगाबाद के ओबरा से झाड़फूंक करने वाले महेंद्र चौधरी ने बताया कि भूतों के अलग-अलग प्रकार है। वे बताते हैं कि डाकिन, मनुषदेवा, वैमत भूतों के प्रकार हैं। 

वे खुल कर पैसे के बारे में नहीं बताते, लेकिन यह बोलते हैं कि जिसको जो खुशी होती है मुक्ति के लिए देते हैं। यूपी के चंदौली से पहुंचे राम सिंहासन भूतों के प्रकार बताते हुए बताते हैं कि डाकिन भूत काफी खतरनाक होता, यह गांव में हैजा फैलाता है।
 

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Khushi