BJP नेता की हत्या के बाद पार्टी नेताओं ने NH-33 को किया जाम, शव को सड़क पर रख किया ये काम

9/24/2021 3:49:32 PM

 

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में हुई गोलीबारी की वारदात में बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के रांची ग्रामीण जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या के मामले में पुलिस ने 3 लोगो को डिटेन किया है। तो वही वारदात के सस्पेक्टेड मनोज मुंडा की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। इस वारदात के उद्भेदन को लेकर एसआईटी का भी गठन किया गया है।

बीजेपी नेता जीतराम मुंडा के शव का पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को भाजपा नेताओं और स्थानीय लोगो ने शव के साथ ओरमांझी में सड़क जाम कर दिया और मामले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हालांकि पुलिस और प्रशासन द्वारा लोगो को समझा बुझा कर मामले को शांत कराया गया। मामले को लेकर मृतक के परिजनो का कहना है कि प्रशासन को मामले की जानकारी थी बावजूद इसके जीतराम मुंडा के सुरक्षा को लेकर कोई इंतेज़ाम नही किया गया जिस कारण इस तरह की वारदात हुई। बीजेपी नेता की हत्या से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है, तो वहीं पुलिस भी मामले को लेकर गंभीर है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है।

जानकारी के अनुसार जीतराम मुंडा की हत्या के पीछे मनोज मुंडा का हाथ हो सकता है क्योंकि 2017 में बबलू मुंडा ने ही जीतराम मुंडा पर फायरिंग की वारदात को अंजाम दिया था जिसके बाद उसे जेल भेजा गया था लेकिन जमानत मिलने के बाद वो जेल से बाहर आया था। वहीं ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि मामले को लेकर जीतराम मुंडा को स्थानीय थाने की तरफ से सतर्क रहने की सलाह भी दी गई थी।

सूत्रों के मुताबिक मनोज मुंडा की पत्नी की मौत का इल्जाम मनोज पर लगा था और जीतराम मुंडा ने मनोज के खिलाफ गवाही दी थी जिसके बाद न्यायालय द्वारा मनोज को 7 साल की सजा हुई थी जिसके बाद से ही मनोज जीतराम मुंडा को मारने की साजिश में जुटा था। इसी आलोक में 2017 में उंसने जीतराम मुंडा पर फायरिंग की थी जिसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। वहीं मिली जानकारी के अनुसार मनोज का मोबाइल लोकेशन भी घटना के वक्त वारदात स्थल का ही मिला है और उसके बाद से ही मनोज का मोबाइल भी स्विच ऑफ है जिस कारण शक की सुई मनोज के तरफ घूम रही है।

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Diksha kanojia