CSIR-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा

Monday, Nov 25, 2024-06:07 PM (IST)

रांची: सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद का एक अंगीभूत संस्थान है। प्रयोगशाला बृहत पैमाने पर शोध प्रकाशन उच्च स्तरीय समीक्षा वाले पत्रिकाओं में तथा बौद्धिक सम्पदा उत्पाद में लगातार वृद्धि कर मेटलर्जी एवं मैटेरियल साइंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी भागीदारी एवं नेतृत्व प्रदान कर रही है।

सी. राजगोपालाचारी ने 21 नवम्बर, 1946 को सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला की आधारशिला रखी थी। 26 नवम्बर, 1950 को भविष्य में आशा और विश्वास की एक भावना के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया और देश को समर्पित किया गया। प्रयोगशाला का उद्देश्य भारत के मैटेलर्जी एवं मैटेरियल साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध एवं विकास पर आधारित उत्पाद तथा तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। सामान्य कार्यक्षेत्र वाले प्रयोगशाला के साथ सहयोग बढ़ाया जा रहा है, भारत एवं विदेशों में स्थापित उत्कृष्ट शोध संस्थानों के साथ खनिज एवं धातुकर्म में नवीन तकनीक खोज का कार्य चल रहा है।

प्रयोगशाला के कार्यक्रम चार अनुसंधान एवं विकास प्रभागों एवं चार समर्थन प्रभागों के अन्तर्गत संचालित होते हैं। अपने अनुभवी वैज्ञानिकों व अभियंताओं की टीम तथा अधुनातन प्रौद्योगिकी व कार्य-सुविधाओं की बहुलता का उपयोग करते हुए खनिज, धातु व अन्य पदार्थों के क्षेत्र में वैज्ञानिक व औद्योगिक विकास एवं सफलता को समर्थन देने के लिये अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, परामर्शिता, मानक व गुणवत्ता के रूप में विशिष्ट सेवायें प्रदान करना तथा नित्य नवाचार, विकास, हस्तांतरण व मानकीकरण करना। पिछले कुछ वर्षों में, एनएमएल ने अपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का विस्तार किया गया है। सीएसआईआर-एनएमएल कच्चे माल, धातु, मिश्र धातु और स्पेक्ट्रोग्राफिक मानकों के लिए प्रमाणित संदर्भ सामग्री विकसित करने में अग्रणी है। सीएसआईआर-एनएमएल ने वर्तमान में कच्चे माल के लिए सात मानक, धातु और मिश्र धातु के लिए सोलह मानक और सादे कार्बन स्टील के स्पेक्ट्रोग्राफिक मानकों के लिए पांच मानक विकसित किए हैं। 


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Khushi

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